सुप्रीम कोर्ट की चिंताओं के बाद रीको को और शक्तियां देगा राजस्थान लैंड रेवेन्यू बिल-2025!

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राजस्थान राज्य की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से रीको (राजस्थान राज्य उद्योग एवं निवेश संवर्धन निगम) की वैधानिकता पर उठाए गए सवालों के मद्देनजर राजस्थान लैंड रेवेन्यू (अमेंडमेंट वैलिडेशन) बिल-2025 को पेश किया है। यह बिल 25 फरवरी को राजस्व मंत्री द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रीको को औद्योगिक भूमि के भूपरिवर्तन, ट्रांसफर एवं विभाजन के लिए आवश्यक शक्तियां पुनः प्रदान की जा सकें। लगभग डेढ़ साल से सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के चलते इस प्रक्रियामें रुकावट आ रही थी, जिससे औद्योगिक विकास प्रभावित हो रहा था।

इसके साथ ही, राजस्थान सरकार लोकतंत्र सेनानियों को भी सम्मानित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। आपातकाल के दौरान जेलों और थानों में बंद लोकतंत्र सेनानियों के लिए चिकित्सा सुविधाएं, सम्मान राशि एवं मुफ्त परिवहन की व्यवस्था करने हेतु राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक-2024 पिछले वर्ष प्रस्तुत किया गया था। यह विधेयक वर्तमान सत्र में पारित होने की संभावना है, ताकि इन सेनानियों के प्रति सम्मान प्रकट किया जा सके।

राज्य सरकार ने जल प्रबंधन के मुद्दे पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए भूजल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक-2024 पेश किया है, जिसे प्रवर समिति ने संशोधनों के साथ विधानसभा में रिपोर्ट किया है। यह विधेयक पानी की राशनिंग और भूजल के संरक्षण के लिए आवश्यक उपायों का प्रस्ताव करता है, और इसके पारित होने की संभावना भी इस सत्र में है।

आगे बढ़ते हुए, राजस्थान यूनिवर्सिटीज लॉज (अमेण्डमेंट) बिल-2024 को भी 20 फरवरी को विधानसभा में पेश किया गया है। इस बिल में राज्य सरकार की पिछले बजट में घोषित 33 सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कुलगुरु बनाने की प्रक्रिया को लागू करने का प्रावधान है।

अंत में, जबरन धर्म-परिवर्तन पर कठोर सजाओं का प्रावधान करने वाला राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 भी 3 फरवरी को पेश किया गया। इस बिल में सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में दस साल तक की सजा और 50 हजार रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक भी वर्तमान सत्र में पारित किए जाने की पूरी संभावना है, जिससे धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक सुरक्षा के पहलुओं को मजबूत किया जा सके।

इन सभी विधेयकों के माध्यम से राजस्थान सरकार विभिन्न सामाजिक, औद्योगिक और पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने का प्रयास कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में विकास और सहयोग की नई संभावनाएं बनेंगी।