चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का बकाया वेतन 15 दिन में जारी करें, वरना पंचायत आयुक्त व स्थानीय निकाय निदेशक का वेतन रोकें-हाईकोर्ट
जयपुर, 1 मार्च (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने महवा नगर पालिका के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पन्द्रह महीने का बकाया वेतन 15 दिन में देने के आदेश दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर अदालत ने पंचायती राज आयुक्त, स्थानीय निकाय निदेशक और नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी का वेतन रोकने को कहा है। वहीं अदालत ने कहा कि यदि प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव आदेश की पालना में फेल हुए तो मुख्य सचिव को निर्देश दिए जाते हैं कि वे प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव का वेतन रोक लें। जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश संतराम शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता केपी सिंह ने कहा कि अदालत ने गत 18 फरवरी को राज्य सरकार को आखिरी मौका देते हुए पूछा था कि याचिकाकर्ता का बकाया वेतन क्यों रोका गया है। इस पर सरकारी वकील ने इस संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा। अदालत की ओर से समय देने के बावजूद राज्य सरकार की ओर से कोई भी वकील पेश नहीं हुआ। इस पर अदालत ने कहा कि आदेश के बाद भी राज्य सरकार ने यह नहीं बताया है कि याचिकाकर्ता वेतन क्यों रोका गया है। इसलिए याचिका निस्तारित कर राज्य सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वह 15 दिन में प्रार्थी का बकाया वेतन दे। वहीं ऐसा नहीं होने पर प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव संबंधित अफसरों का वेतन रोकें। याचिका में कहा गया कि था कि राज्य सरकार ने बिना किसी कारण याचिकाकर्ता का वेतन दिसंबर, 2023 से रोक दिया था। याचिकाकर्ता के पूछने पर भी वेतन रोकने का कारण नहीं बताया गया। याचिका में कहा गया कि उसका ढाई साल का बच्चा बीमार है और उसे रुपयों की जरूरत है। इसलिए बकाया वेतन दिलवाया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को वेतन जारी करने के निर्देश दिए हैं।
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