पंजाब के लुधियाना जिले में एक 17 वर्षीय किशोरी की अनहोनी से भरी मौत ने सभी को हिला कर रख दिया है। यह घटना उस समय घटी जब अंजली नाम की किशोरी का शव घर में फंदे से लटका हुआ पाया गया। अंजली का शव रात करीब 10 बजे सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया, जहां पुलिस ने उसके शव को फंदे से उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए मृत शवगृह में संग्रहित किया। शव की पहचान अंजली, जो कि गांव भट्टियां के निशांत बाग की निवासी है, के रूप में हुई है।
प्रारंभिक जांचों से यह पता चला है कि अंजली मूलत: उत्तर प्रदेश की निवासी थी और उसके माता-पिता गांव गए हुए थे। घटना के समय अंजली की बहन ट्यूशन पर गई हुई थी। जानकारी के अनुसार, जब बहन लौटी, तो उसने अपने घर में अंजली का शव लटकता हुआ देखा और इस दृश्य को देख कर वह चौंक गई। शोर मचाने पर मोहल्ले के अन्य लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए पुलिस को इस घटना की सूचना दी।
पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और अंजली के शव को फंदे से उतारकर कब्जे में ले लिया। इसके बाद अंजली के परिजनों को भी इस दुखद घटना की जानकारी दी गई। पुलिस ने मामले की गहराई से छानबीन प्रारंभ कर दी है, लेकिन अभी तक जहरीले पदार्थों के सेवन या किसी अन्य कारणों के बारे में कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है।
अंजली का निधन एक बड़ा दुख है, और उसके माता-पिता के पंजाब लौटने से पहले पुलिस मामले की पूरी जांच कर रही है। शव का पोस्टमॉर्टम आज शुक्रवार को किया जाएगा और उसके बाद अवशेषों को परिवार को सौंप दिया जाएगा। स्थानीय समुदाय ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और सभी ने अंजली के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।
अंजली के मामले में हुई इस घटना ने कई सवालों को जन्म दिया है कि युवा पीढ़ी में मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक दबाव को लेकर हमें कितना जागरुक होना चाहिए। पुलिस अभी जांच कर रही है कि क्या यह आत्महत्या का मामला है या इसके पीछे कोई और कारण है। स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसी घटनाओं से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी की समस्याओं का समाधान किया जा सके। अंजली की अनोखी और दुखद कहानी ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि हमें समाज में एक-दूसरे के प्रति अधिक सहानुभूतिपूर्ण और समझदारी से पेश आना आवश्यक है।