पंजाब के फरीदकोट जिले में स्थित गांव हरीनौ में गुरप्रीत सिंह की हत्या के मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने बुधवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कम विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार वधवा की अदालत में चार्जशीट पेश की। इस चार्जशीट में 12 आरोपियों को शामिल किया गया है, जिसमें कुल 1435 पृष्ठ हैं। हत्या के कुल 17 आरोपी नामजद हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नामों में निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह खालसा और विदेश में बैठे आतंकी अर्शदीप उर्फ अर्श डल्ला शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी अभी नहीं हो पाई है।
इस मामले में एसआईटी को स्पेशल कोर्ट द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के लिए 13 मार्च तक का समय दिया गया था। हालांकि, एसआईटी ने समयावधि से एक दिन पहले ही चार्जशीट प्रस्तुत कर दी है। आगे की सुनवाई 13 मार्च को निर्धारित की गई है, जिसमें अदालत द्वारा न्यायिक हिरासत में चल रहे 12 आरोपियों को चार्जशीट की प्रतियां उपलब्ध कराई जा सकती हैं।
गुरप्रीत सिंह की हत्या की घटना 9 अक्टूबर को हुई थी। वह पंथक संगठनों से जुड़े एक युवा नेता और ‘वारिस पंजाब दे’ संस्था के पूर्व वित्त सचिव थे। उनके हत्या के सिलसिले में पुलिस ने सबसे पहले उनके गांव के तीन आरोपियों, जिनमें बिलाल अहमद फौजी, गुरअमरदीप सिंह उर्फ पोंटू और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू शामिल थे, को गिरफ्तार किया। इसके बाद मामले में अन्य नौ आरोपियों की भी गिरफ्तारी की गई, जिनमें दोनों शूटर भी शामिल थे।
इस हत्या के मामले में अमृतपाल सिंह और अर्श डल्ला जैसे नामों की भागीदारी से स्थिति और भी जटिल हो गई है। वर्तमान में एसआईटी को 5 आरोपियों की गिरफ्तारी का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें चार आरोपी विदेश में हैं, जबकि अमृतपाल सिंह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। अभी तक उनकी आधिकारिक गिरफ्तारी भी नहीं हुई है और एसआईटी उनकी पूछताछ करने में असफल रही है।
हाल के घटनाक्रम में देखा जा रहा है कि इस मामले की जड़ें काफी गहरी हैं और इसमें कई राजनीतिक तथा आतंकवादी तत्व जुड़े हुए हैं, जो पूरे पंजाब में चिंता का विषय बन रहे हैं। एसआईटी की कार्यवाही और अदालत की सुनवाई से यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले का सच उजागर होगा और आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्यवाही की जा सकेगी।