इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों का हंगामा, मेस के खाने पर उठाए सवाल
Jharkhand, 7 मार्च (हि.स.): पलामू के एक मात्र सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में मेस का खराब खाने मिलने पर जमकर हंगामा किया गया। बड़ी संख्या में छात्र कॉलेज कैंपस में जमा होकर विरोध प्रदर्शन किये।
गुरुवार रात इस प्रदर्शन में छात्रों ने मेस संचालक को बदलने की मांग की।
छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में मिलने वाला खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कई छात्र एनीमिया और पेट संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं। मेस की फीस देने के बावजूद उन्हें मैगी और बिस्कुट पर निर्भर रहना पड़ता है।
छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की।
छात्रों ने मेस के खाने का वीडियो बनाकर सुखी पूड़ी और तेल भरे खाने की वास्तविकता दिखाई है। नाराज छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। कॉलेज प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत करने का प्रयास किया।
मेस फीस बढ़ाने के बावजूद खाने की गुणवत्ता में सुधार नहीं
एक छात्रा ने बताया कि अनुचित भोजन के कारण वह मात्र दो महीने में एनीमिया से ग्रसित हो गई। छात्रों का आरोप है कि मेस फीस बढ़ाने के बावजूद खाने की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ है। चार हजार रुपए उनसे मेस चार्ज लिए जा रहे हैं। कॉलेज से छुट्टी लेकर विद्यार्थी घर चले जाते हैं तब भी उनसे मेस की पूरी फीस ली जाती है।
छात्रों ने मेस के ठेकेदार को हटाने और नियमित रूप से मेस की जांच करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी न होने पर वे अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। इधर, प्रिंसिपल डॉ. संजय कुमार सिंह ने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया तब जाकर मामला शांत हुआ।
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय कुमार सिंह ने कहा कि कॉलेज खुलने के बाद विद्यार्थियों के लिए मेस का खोला जाना जरूरी था। खाने की क्वालिटी को लेकर शिकायत है, उसमें सुधार कराया जाएगा। विद्यार्थियों ने मेस संचालन को लेकर मांग पत्र दिया है। विद्यार्थियों से मेस को लेकर नियम बनाने के लिए कहा गया है। फिर उसे लागू कर दिया जाएगा।
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