मंत्री का पन्ना गुम, अद्भुत अनसुनी कहानी ने खींची सबकी नजरें!

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जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने हाल ही में सदन में अपने विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए बिरसा मुंडा की प्रेरणादायक कहानी सुनाना चाहा। लेकिन कहानी सुनाते समय वे अचानक थोड़े थम गए और यह सोचते देखे गए कि कहानी का पन्ना खोज रहे हैं। 65 सेकंड तक पन्ना नहीं मिलने पर विपक्ष में बैठे कुछ सदस्य हंसने लगे। इस पर मंत्री ने कहा, “कागज कहां चला गया, कोई बात नहीं, मैं कहानी को बाद में पूरा करूंगा।” इसके बाद उन्होंने आदिवासी नायक वीर दूदा और तिलका मांझी की कहानी सुनाई। विपक्ष ने बिरसा मुंडा की कहानी ना याद रख पाने पर मंत्री पर कटाक्ष किया, लेकिन मंत्री ने बचाव करते हुए कहा कि उनकी विभाग ने पिछले कार्यकाल में 20 घोषणाएं की थीं, जिनमें से 4 पूरी हो चुकी हैं और बाकी 16 पर कार्य चल रहा है।

मंत्री ने आगे सीताबाड़ी की ऐतिहासिक कहानी साझा की, जिसमें बताया गया कि सीता माता ने निवास करते समय बाल्मीकि आश्रम में रुककर लव और कुश का जन्म लिया। इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि सीता माता के संबंध में 550 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के प्रयासों से जनजाति विकास कोष की राशि 1500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1750 करोड़ रुपये कर दी गई है। यह राशि जब धरातल पर उतरेगी, तो इससे कई महत्वपूर्ण कार्य हो सकेंगे।

मंत्री ने पिछले बजट में किए गए कई अन्य विकास कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डूंगर बरंड़ा, बांसिया चारपोटा के स्मारकों के निर्माण और वीर बालिका कालीबाई संग्रहालय का कार्य भी प्रगतिरत है। मंत्री ने बताया कि इन परियोजनाओं से जनजाति समाज के लोग लाभान्वित होंगे और उनके इतिहास तथा सांस्कृतिक धरोहर को संजोया जाएगा।

इसके अलावा, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि विभाग ने अपने छात्रावासों में अधीक्षक कैडर का गठन करने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने यह जानकारी दी कि महिला और पुरुष छात्रावास अधीक्षक के ग्रेड-2 पदों को 16 जनवरी, 2025 की अधिसूचना के तहत राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा नियम, 2022 में शामिल कर दिया गया है। मंत्री ने बताया कि 470 अधीक्षक के पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को भिजवाने की प्रक्रिया चालू है।

इस प्रकार, जनजाति विकास मंत्रालय के मंत्री ने अपने विभाग की योजनाओं और उनकी प्रगति के बारे में सदन में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विभाग के द्वारा उठाए गए कदम आगामी समय में जनजातीय समाज के विकास में सहायक सिद्ध होंगे। जिन योजनाओं पर कार्य चल रहा है, उनसे जनजातियों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।