नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास गतिविधियां प्रारम्भ करने की आवश्यकताः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास गतिविधियां प्रारम्भ करने की आवश्यकताः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

– बालाघाट, मंडला और डिंडोरी के जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों की हुई बैठक

बालाघाट, 06 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी विकास के कार्य प्रारम्भ करना आवश्यक है। इसलिए ऐसे क्षेत्रों का आंतरिक ढाँचा तैयार किया जाना आवश्यक है। भारत शासन के नक्सल उन्मूलन मिशन-2026 का उद्देश्य पूर्ण करने में जो समस्याएं आ रही है, उन्हें दूर कर प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य प्रारम्भ करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को अपने निवास कार्यालय समत्व भवन से प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की बैठक को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। इस महत्वपूर्ण बैठक में बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिले के कलेक्टर, एसपी सहित संबंधित समस्त अधिकारी भी वीसी के माध्यम से उपस्थित रहे। बालाघाट वीसी कक्ष में आईजी संजय कुमार, उप महानिरीक्षक मुकेश श्रीवास्तव, कलेक्टर मृणाल मीना, एसपी नगेन्द्र सिंह,एसपी हॉक फोर्स शियाज़ खान, जिपं सीईओ अभिषेक सराफ, एडीएम जीएस धुर्वे, एएसपी नक्सल आदर्श कान्त शुक्ला सहित सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।

लखनादौन-रायपुर हाइवे के अलायमेंट में लांजी होगा शामिल

मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक में तीन जिलों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पूर्व से स्वीकृत सड़कों, नेटवर्क के अलावा प्रस्तावित आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा की। साथ ही विशेष रूप से लखनादौन-रायपुर हाइवे मार्ग के अलायमेंट पर चर्चा की। इस सम्बंध कलेक्टर मीना ने जानकारी दी। अब इस हाइवे पर लांजी को शामिल करने को कहा है। बैठक में मोबाइल नेटवर्क के साथ ही इन जिलों में पुलिस बल की तैनाती पर भी निर्णय लिया गया है। वहीं नई भर्ती में स्थानीय युवाओं को विशेष तौर पर भर्ती की योजना पर जानकारी हासिल की।

हर 15 दिनों में होगी ब्रीफ और हर माह संयुक्त बैठक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नक्सल उन्मूलन और विकास कार्यो के सम्बंध में निर्देश दिए है कि अब हर 15 दिनों में ब्रीफिंग की जाए। साथ ही इन जिलों के सम्बंध में हर माह संयुक्त बैठक आयोजित की जाए। ताकि निगरानी और समीक्षा से कार्य मे प्रगति होकर समयावधि में सभी कार्य पूर्ण कर सकें।