किसान आंदोलन से पंजाब को 20 हजार करोड़ का घाटा, हरियाणा को मिला चार गुना लाभ!

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पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के आन्दोलन का असर कम करते हुए 13 महीने से बंद शंभू और खनौरी बॉर्डर को पुलिस की मदद से खोल दिया है। इस निर्णय का प्रभाव तुरंत नकारात्मक आर्थिक स्थिति को सुधारने के संदर्भ में देखने को मिला है। सरकार के कई मंत्री और AAP के नेता इस कदम का समर्थन करते हुए यह कह रहे हैं कि आंदोलन से राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा था। उद्योग जगत ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है, और विशेषकर पंजाब के माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंडस्ट्री (MSME), वूलन इंडस्ट्री और स्पोर्ट्स मार्केट एसोसिएशन के सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए हैं।

इसी संदर्भ में, लुधियाना की साइकिल इंडस्ट्री के प्रमुख बदीश जिंदल ने बताया कि बॉर्डर बंद होने से उनकी इंडस्ट्री को हर महीने 1500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा था। उन्होंने कहा कि उद्योग का 95% माल दूसरे राज्यों में जाता है, और शंभू-खनौरी बॉर्डर के माध्यम से सप्लाई बाधित होने से उत्पादन लागत में वृद्धि हो गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि कई छोटे उद्योग अब बर्बादी की कगार पर हैं। उनका मानना है कि अगर सरकार स्थायी और सुरक्षित व्यापारिक माहौल मुहैया कराती है, तो शायद उद्योगों को पुनर्जीवित किया जा सकेगा।

दूसरी ओर, लुधियाना की वूलन इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान, दर्शन डावर ने कहा कि किसानों का धरना पूरे पंजाब में स्थिति को संकट में डाल रहा था। उन्होंने बताया कि व्यापार ठप हो चुका था और कई व्यापारियों ने अब पंजाब से संपर्क करना पूरी तरह से बंद कर दिया है। यह स्थिति वूलन इंडस्ट्री के लिए विशेष रूप से खराब रही है, जिसके कारण पूरा विंटर सीजन प्रभावित हुआ है। हरियाणा और अन्य राज्यों के व्यापारियों ने अब दूसरी जगहों से माल खरीदना शुरू कर दिया है, जिससे पंजाब की अर्थव्यवस्था को और भी नुकसान हुआ है।

जालंधर स्पोर्ट्स मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर धीर ने कहा कि बॉर्डर खुलने से कारोबार में सुधार की संभावना है, लेकिन पहले किए गए नुकसान की भरपाई करना कठिन होगा। उन्होंने पंजाब की छवि को भी नुकसान पहुंचाने के लिए कहा, जिससे बाहरी व्यापारी यहाँ व्यापार करने में संकोच करते हैं। वहीं, जालंधर में बोल्ट बनाने वाले उद्योगपति पुनीत चेतल ने इस कदम को समय पर उठाया गया निर्णय बताया, और सरकार को सुझाव दिया कि यदि कारोबारियों को फिर से आकर्षित करना है तो उन्हें एक सुरक्षित माहौल मुहैया कराना होगा।

ऑटो पार्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग करने वाले तुषार जैन ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि बॉर्डर खुलने से अर्थव्यवस्था के सुचारु संचालन की उम्मीद बढ़ी है, और इससे ट्रांसपोर्टेशन की लागत भी कम होगी।

इस प्रकार, पंजाब में किसानों के आन्दोलन के कारण उत्पन्न संकट के समाधान के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अगर इन प्रयासों को सही दिशा में आगे बढ़ाया जाए तो पंजाब में व्यापारी गतिविधियों का एक बार फिर से सफल संचालन संभव हो सकता है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।