‘मिस्टर इंडिया’ के चाइल्ड आर्टिस्ट अहमद खान बने टॉप डायरेक्टर, संघर्ष से सफलता की कहानी!

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अहमद खान, जो एक प्रतिभाशाली कोरियोग्राफर और निर्देशक हैं, ने अपने करियर में अपार सफलताएँ हासिल की हैं। उनकी पहचान केवल एक डांसर के रूप में नहीं, बल्कि एक उत्कृष्ट फिल्म निर्माता के रूप में भी है। अहमद की यात्रा 1987 में शुरू हुई, जब उन्होंने शेखर कपूर की यादगार फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में चाइल्ड आर्टिस्ट की भूमिका निभाई। उस समय, उनके जीवन में सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन एक पल में हालात ने मोड़ लिया जब उनके माता-पिता का तलाक हो गया, जिससे उनकी ज़िंदगी में Financial Crisis आ गया।

अहमद ने अपने कठिन समय में खुद को सशक्त बनाने के लिए सरोज खान जैसे दिग्गज कोरियोग्राफर के अंडर में सीखना शुरू किया। मात्र 16 साल की उम्र में उन्होंने सरोज खान के सहायक के रूप में कार्य करना शुरू किया, जहाँ उन्होंने अपने कौशल को निखारा। नेशनल लेवल पर प्रतिष्ठित फिल्म में काम करने के बाद, अहमद ने अपने काम से सबको प्रभावित किया। उन्होंने बॉलीवुड के बड़े नामों को डांस सिखाया, और धीरे-धीरे वह एक सफल कोरियोग्राफर बन गए। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें फ़िल्म उद्योग के बड़े नामों में शामिल कर लिया।

अहमद की कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्होंने कोरियोग्राफी के क्षेत्र में संतोष महसूस किया और निर्देशन की ओर कदम बढ़ाया। उनकी पहली फिल्म ‘लकीर’ थी, जो भले ही व्यावसायिक रूप से सफल न रही हो, लेकिन इससे उन्हें एक नया मोड़ मिला। उन्होंने अपने निर्देशन में अक्सर एक्शन फिल्में बनाने का निर्णय लिया, जो उनके व्यक्तित्व के अनुसार थी। फिर उन्होंने ‘बाघी’ और ‘हीरोपंती’ जैसी सफल फिल्में बनाई, जो आज भी दर्शकों के बीच बहुत पसंद की जाती हैं।

इस साल, अहमद खान अपनी सबसे बड़ी फिल्म ‘वेलकम टू द जंगल’ लेकर आ रहे हैं, जिसमें 34 प्रमुख कलाकार शामिल हैं। फिल्म के निर्माता फिरोज नाडियाडवाला ने अहमद से कहा कि कास्टिंग के समय यह सुनिश्चित करें कि सभी एक्टर जाने-माने हों। अहमद का मानना है कि इस फिल्म के स्क्रीन टाइम को लेकर किसी भी कलाकार में असुरक्षा नहीं थी, जो इस फिल्म के लिए एक सकारात्मक संकेत था। इस फिल्म में अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, जैकी श्रॉफ जैसे बड़े नाम नजर आएंगे, जो बढ़ती हुई फिल्म इंडस्ट्री के लिए संकेत हैं।

अहमद खान की कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयां कभी भी हमारी मेहनत और जुनून को रोक नहीं सकतीं। उनकी कार्य ethic, आशा और विकास की इच्छा ने उन्हें आज बॉलीवुड के सफल निर्देशकों में से एक बना दिया है। उनकी प्रेरणादायक यात्रा नए कलाकारों के लिए एक मिसाल पेश करती है कि संघर्ष के बावजूद कैसे सपनों को साकार किया जा सकता है।