बरनाला में रजवाहा टूटने से तबाही: कांग्रेस-ग्रामीणों का मरम्मत रोककर जांच-मुआवजे का हंगामा!

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बरनाला जिले के गांव चन्नणवाल में स्थित शहरी रजवाहे में अचानक 40 फीट लंबी दरार आ गई है, जिसके कारण बड़ी मात्रा में फसल जलमग्न हो गई है। इस घटना का प्रभाव करीब 100 एकड़ में फैली गेहूं और मूंग की फसल पर पड़ा है। किसानों और स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार और नहरी विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मरम्मत कार्य के लिए आए ठेकेदार को काम करने से रोक दिया, इस दौरान उनकी मांगें स्पष्ट थीं।

कांग्रेसी नेताओं के समूह में युवा नेता बनी खैरा, एससी विंग के राज्य संयोजक एडवोकेट जसवीर सिंह खेड़ी और गांव के सरपंच गुरजंट सिंह शामिल थे। इन नेताओं ने घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग का मुद्दा उठाया और बताया कि रजवाहे की 180 क्यूसेक की क्षमता है, लेकिन वह केवल 40 क्यूसेक पानी में ही टूट गया। इस स्थिति को लेकर उन्होंने विजिलेंस जांच की मांग की है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस घटना के पीछे की वास्तविकता क्या है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जब तक किसानों को उनकी फसल के लिए उचित मुआवजा नहीं मिलता, मरम्मत कार्य को शुरू नहीं होने दिया जाएगा।

वहीं, ठेकेदार राजकुमार ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आश्वासन दिया कि रजवाहे की मरम्मत कार्य को जल्द ही पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। उनके अनुसार, ठेकेदारी का कार्य व अभियंता दल इस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तत्पर हैं। हालाँकि, ग्रामीणों का मानना है कि ठेकेदार की बातों पर भरोसा करना मुश्किल है जब उन्होंने पहले ही घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कर एक गंभीर समस्या को जन्म दिया है।

इस घटना ने ग्रामीणों के जीवन पर गहरा असर डाला है, और वे अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं। जलमग्न हुई फसल की स्थिति गंभीर हो गई है, और किसानों को अपनी मेहनत के फल के खोने का खतरा है। लोग अपने हक के लिए लड़ने को तैयार हैं और अपनी आवाज को उचित मंच पर उठाना चाहते हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता भी गांव में किसानों के साथ खड़े हुए हैं और सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील कर रहे हैं।

इस प्रकार, चन्नणवाल गांव के रजवाहे में आई दरार ने केवल फसल को प्रभावित नहीं किया बल्कि यह किसानों और स्थानीय नेताओं के बीच एक झंझट का कारण बन गई है। अब देखना होगा कि राज्य सरकार और नहरी विभाग इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं और क्या गांव के लोगों को उनकी समस्याओं का हल मिल पाता है या नहीं।