आमिर ने अनुपम खेर को कहा था ‘खराब एक्टर’, जानें कैसे बदल गया था निर्देशक का विचार!

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अनुपम खेर आज 70 साल के हो गए हैं। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने 1984 में फिल्म ‘सारांश’ के माध्यम से की थी, जिसमें उन्होंने 65 साल के बुजुर्ग पिता बी पी प्रधान का किरदार निभाया था, जबकि उनकी उम्र उस वक्त सिर्फ 28 साल थी। महेश भट्ट द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने अनुपम को एक अलग पहचान दी और आज भी इस किरदार की चर्चा होती है। अनुपम खेर का मानना है कि अगर वे इस इंडस्ट्री में इतने सालों से टिके हुए हैं, तो इसका श्रेय उन्हें इस फिल्म में निभाए गए किरदार को जाता है। महेश भट्ट को अनुपम अपना गुरु मानते हैं और उनके साथ हर मुलाकात में वे उन्हें गुरु दक्षिणा देते हैं।

अपने जन्मदिन पर अनुपम खेर ने दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में फिल्म ‘दिल है कि मानता नहीं’ की शूटिंग का एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि आमिर खान को यह एहसास हुआ था कि वे अपनी एक्टिंग में कुछ कमी महसूस कर रहे थे, जिसके चलते उन्होंने महेश भट्ट से शिकायत कर दी थी। अनुपम ने इस अवसर पर यह भी कहा कि एक उम्र के बाद, रिश्तों की अहमियत बढ़ जाती है। उन्होंने विक्रम भट्ट के निर्देशन में फिल्म ‘तुमको मेरी कसम’ के बारे में बताया, जिसमें उन्होंने डॉ. अजय मुर्डिया का किरदार निभाया। अनुपम के अनुसार, वे और विक्रम एक-दूसरे को ढूंढने में 40 साल लगा चुके हैं, लेकिन अब वे एक ऐसे मुकाम पर हैं जहां वे एक-दूसरे की कमजोरियों और शक्तियों को भली-भांति समझते हैं।

अनुपम खेर ने अपने करियर में नए टैलेंट को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी बहुत काम किया है। उनका मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री हमेशा आपको एक निश्चित ढांचे में ढालने की कोशिश करती है, जिससे आप भीड़ का हिस्सा बन जाएं। लेकिन वे इससे अलग रहते हुए अपने अनोखे किरदारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने दिमाग में यह बात रखी कि एक नई और अनोखी यात्रा को जीने के लिए खुद महत्वपूर्ण होना चाहिए। इस प्रक्रिया में, वे स्वयं को लकी मानते हैं कि महेश भट्ट ने उनकी पहली फिल्म का निर्देशन किया था।

अनुपम खेर ने अपने पिता के प्रति अपने रिश्ते का भी उल्लेख किया। उनके पिता, जो कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में क्लर्क थे, हमेशा पैसे की मांग करते थे, जिससे अनुपम कभी-कभी चिढ़ जाते थे। लेकिन उनके जाने के बाद, उन्हें अपने पिता की याद में वर्चुअल सी महसूस हुई। इसके अलावा, उनकी मां ने महेश भट्ट से कहा था कि उनके बेटे में कुछ खास है तभी वह स्टार बन पाए।

अपनी बात को समाप्त करते हुए, अनुपम खेर ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में उनकी यात्रा में कई निर्देशकों का योगदान रहा है। उन्होंने बताया कि कैसे कुछ डायरेक्टर अपने काम में इतने उलझ जाते हैं कि वे अच्छे सुझावों को नजरअंदाज कर देते हैं। अनुपम खेर की यह यात्रा प्रेरणादायक है, जो हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और उन्हें जीने की प्रेरणा देती है।