आज (शनिवार) अजमेर, पुष्कर और ब्यावर में वकील की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के तहत शहर बंद रहेगा। इस दौरान केवल मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप और स्कूल को खोलने की अनुमति दी गई है। शुक्रवार रात तक, वकीलों का एक समूह जेएलएन अस्पताल की मृत शरीरगृह के बाहर धरने पर बैठा रहा और उन्होंने शव को उठाने से इनकार कर दिया। वकीलों के इस विरोध ने शहर के कानूनी समुदाय में कड़ा आक्रोश पैदा कर दिया है। घटना के विरोध में शुक्रवार सुबह अदालत में भी जमकर हंगामा हुआ। उल्लेखनीय है कि इससे पहले एक मार्च को भी अजमेर शहर को बंद रखा गया था, जो बिजयनगर स्कूल में यौन उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ था।
जब वकील पुरुषोत्तम जाखोटिया की हत्या की सूचना मिली, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। अस्पताल में, वकीलों की भारी भीड़ जमा हो गई और इसके बाद वे सीधे अदालत पहुंचे। वहां, उन्होंने पुलिस अधिकारियों और अन्य नागरिकों को अदालत परिसर से बाहर निकाला और अदालत के अंदर की दुकानों को बंद कराया। अजमेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने इस बंद के निर्णय की पुष्टि की और कहा कि शनिवार को तीनों शहरों में विरोध प्रदर्शन होगा।
शुक्रवार को वकीलों ने अजमेर शहर में एक वाहन रैली का आयोजन किया और बाजार बंद रखने का अनुरोध किया। अशोक सिंह रावत ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो पुष्कर में होली महोत्सव का आयोजन नहीं होने दिया जाएगा। शव को मृत शरीरगृह में रखा जाएगा और धरना जारी रहेगा। शनिवार सुबह 7 बजे से सभी वकील बंद के लिए कार्रवाई में जुटेंगे। इस बंद को अजमेर व्यापारिक महासंघ के चेयरमैन महेंद्र बंसल का भी समर्थन मिला है।
मृत शरीरगृह के बाहर धरने में अन्य स्थानों से आए वकील भी शामिल हुए, जो अजमेर, पुष्कर, नसीराबाद, किशनगढ़ और रेवेन्यू बार एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। सरकारी अधिकारियों के साथ वकीलों की बैठक हुई, जिसमें संभागीय आयुक्त महेश चंद्र शर्मा, डीआईजी ओमप्रकाश और एसपी वंदिता राणा शामिल थे। हालाँकि, वकीलों की उनकी मांगों पर कोई सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद, वकीलों ने शाम 5 बजे तक का अल्टीमेटम दिया। जबताओं सहमति नहीं बनी, तब अजमेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने शनिवार को अजमेर, ब्यावर और पुष्कर के बंद का आह्वान किया।
सीओ रामचंद्र चौधरी ने जानकारी दी है कि पहले हत्या का प्रयास और जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन अब वकील की मौत के बाद इस मामले में हत्या की धाराएं जोड़ी गई हैं। इस घटना में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 3 वाहनों को जब्त कर लिया गया है। वकील की हत्या ने अजमेर में हलचल मचा दी है, और इस घटना के खिलाफ वकील अपनी आवाज उठाते रहेंगे।