पंजाब सरकार में एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है कि कल, यानी सोमवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग को स्थगित कर दिया गया है। यह मीटिंग अब 13 फरवरी को चंडीगढ़ में दोपहर 12 बजे आयोजित की जाएगी। इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय मुख्यमंत्री भगवंत मान की व्यस्तता और दिल्ली में उनकी मौजूदगी के चलते लिया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी इस मीटिंग की तारीख बदली गई थी, और इसे पहले 5 फरवरी को आयोजित किया जाने वाला था।
पंजाब में पिछले लंबे समय से कैबिनेट मीटिंग आयोजित नहीं की गई है। हाल ही में पंचायत चुनावों और बाद में निकाय चुनावों के चलते आचार संहिता लागू हो गई थी, जिसने मंत्रियों और विधायकों की सक्रियता को सीमित किया। इसके बाद से राज्य के मंत्रियों और विधायकों का ध्यान दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों पर केंद्रित हो गया, जिससे स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करने का कोई विशेष अवसर नहीं मिल पाया। ऐसे में यह मीटिंग बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही थी।
हालांकि, हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार ने स्थिति को और भी चिंताजनक बना दिया है। पार्टी अब अपने कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच अपनी छवि को फिर से सुधारने का प्रयास कर रही है। यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब सरकार को यह एहसास हो चुका है कि चुनावी नतीजों के बाद उन्हें अपने नागरिकों का विश्वास वापस जीतने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
पार्टी का यह कदम दर्शाता है कि वह अब अपने कार्यों को और अधिक सक्रियता से अमल में लाने के लिए तत्पर है, ताकि आगामी चुनावों में वे लोगों के दिल जीत सकें। इससे पहले मंत्रियों की एकता और समर्पण की कमी देखी गई थी, लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि कैबिनेट मीटिंग में सरकार की योजनाओं और नीतियों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
इस प्रकार, पंजाब सरकार की कैबिनेट मीटिंग का पुनर्निर्धारण न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राज्य के विकास और नागरिकों के कल्याण के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। आगामी 13 फरवरी को होने वाली मीटिंग में समस्त मंत्रियों की सहभागिता से यह देखने की उम्मीद है कि सरकार अपनी योजनाओं को लागू करने में कितनी गंभीरता बरतती है और लोगों के समस्याओं का समाधान किस प्रकार करेगी।