पंजाब-चंडीगढ़ में मौसम का ट्विस्ट: तापमान गिरा, 18 तक नहीं बारिश-धुंध!

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पंजाब और चंडीगढ़ में हाल के 24 घंटों में तापमान में गिरावट का स्थिति देखने को मिली है। औसत अधिकतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस कम हुआ है, जबकि यह सामान्य से अभी भी 3.1 डिग्री अधिक बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, वर्तमान में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, जो कि उत्तरी पाकिस्तान और आस-पास के क्षेत्रों से होकर गुजरी है, अब चक्रवाती परिसंचरण के रूप में जम्मू कश्मीर और इसके आसपास फैला हुआ है। इस कारण से उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य का मौसम आज और कल शुष्क रहेगा। साथ ही, हवा की गति 15 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ने की संभावना है। हालांकि, आगामी 18 तारीख तक धुंध या बारिश की कोई उम्मीद नहीं दिखाई देती।

बठिंडा में पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि फरवरी के महीने में पंजाब में औसतन सामान्य दिनों में 1 फरवरी से 12 फरवरी के बीच लगभग 10.2 मिमी बारिश होती है। लेकिन इस साल फरवरी में केवल 0.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो पिछले वर्षों की तुलना में 95 प्रतिशत कम है। राज्य के 23 जिलों में से 12 जिलों में कोई बारिश नहीं हुई, जबकि जिन कुछ जिलों में बारिश हुई, वहां भी मात्र 0.1 से 0.2 मिमी की ही बारिश देखने को मिली है। विशेष रूप से अमृतसर, तरनतारन, जालंधर, एसबीएस नगर, फाजिल्का, मुक्तसर, फरीदकोट, बठिंडा, बरनाला, मानसा, फतेहगढ़ साहिब और मोहाली जैसे जिलों में जीरो मिमी बारिश रिकॉर्ड किया गया है।

इस बार मौसम में ठंडक कम होने की वजहें भी देखी जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि विंड पैटर्न सिस्टम इस बार ऐसा बन रहा है, जो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की तीव्रता को समर्थन नहीं दे रहा है। इसके साथ ही, नमी की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारण है। पहाड़ों पर बर्फबारी में कमी के चलते भी मौसम में बदलाव हो रहा है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि इस साल ठंड का असर लगभग 10 से 12 दिन पहले समाप्त हो सकता है।

इस प्रकार, पंजाब और चंडीगढ़ का मौसम इस समय कुछ अनुकूल से दिख रहा है, लेकिन आगामी दिनों में तापमान में गिरावट और बर्फबारी की कमी के चलते ठंड का प्रभाव कम होने की संभावना है। यह सभी पहलू इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग को इन परिस्थितियों के मद्देनजर सावधानी से अपडेट सहित मौसम की जानकारी प्रदान करनी होगी, ताकि स्थानीय निवासियों को सही टाइम पर जानकारी मिल सके।