आज से शुरू खाटूश्याम बाबा का लक्खी मेला: दर्शन व्यवस्था जानें, शाम तक बंद रहेंगे पट!

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खाटूश्याम बाबा का प्रमुख लक्खी मेला शुक्रवार से शुरू हो रहा है, जो 12 दिनों तक चलेगा। यह मेला विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें मुख्य उत्सव 10 और 11 मार्च को मनाया जाएगा। भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, गुरुवार की रात 10 बजे मंदिर के पट बंद कर दिए गए हैं और इनमें शुक्रवार शाम 5 बजे फिर से खोले जाएंगे। इस वर्ष मेले में रींगस से पैदल आने वाले भक्तों के लिए यात्रा की दूरी बढ़कर लगभग 35 किमी हो गई है, जबकि पिछली बार यह दूरी लगभग 28 किमी थी। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए चारण मेला मैदान में जिगजैग पथ को बढ़ाकर 6 ब्लॉक बनाए हैं।

मेला प्रभारी और एसडीएम मोनिका सामोर ने कहा कि भव्य आयोजन को सुगम बनाने के लिए मार्ग में बदलाव किया गया है, जिससे भक्त आसानी से बाबा के दर्शन कर सकें। अत्याधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है ताकि भीड़ को सही प्रकार से नियंत्रित किया जा सके। भक्तों को पिछले वर्ष की तरह 14 लाइन से होकर बाबा के दर तक पहुंचना होगा, और रींगस से खाटू तक कारपेट बिछाने की तैयारी की गई है। इसके अलावा, रींगस रोड से आने वाले भक्त नगर पालिका के नजदीक मुख्य प्रवेश द्वार से चारण मैदान में आएंगे।

चारण मैदान में अस्थाई टीन शेड का उपयोग किया गया है, जिसमें भक्तों को जिगजैग पथ से लखदातार मैदान तक पहुंचाया जाएगा। वहीं, दांता रोड से आने वाले श्रद्धालु लाला मांगीराम धर्मशाला के समीप जिगजैग से प्रवेश करेंगे। उन्हें मुख्य मेला मैदान में 14 सीधी लाइनों में प्रवेश करना होगा। ऐसी स्थिति में, जो लोग जल्दी दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें अनुमानित रूप से 5 घंटे का समय लग सकता है। अगर भीड़ कम रहती है तो चार लाइन से भी दर्शन का इंतजाम किया जाएगा।

दिव्यांग और बुजुर्ग भक्तों के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। मोनिका सामोर ने बताया कि पिछले वर्ष 7 ब्लॉक बनाए गए थे, लेकिन इस बार 9 ब्लॉक की व्यवस्था की गई है। वीआईपी श्रद्धालुओं को छोड़कर, सभी भक्तों के लिए वीआईपी दर्शन की सुविधा नहीं होगी। दिव्यांगों के लिए मंदिर से लगभग 250 मीटर की दूरी पर लाला मांगीराम धर्मशाला के पास एक अलग लाइन बनाई गई है। यहां व्हील चेयर पर दिव्यांग भक्तों को मंदिर तक ले जाया जाएगा।

इस वर्ष, खाटूश्याम मंदिर को वैष्णो देवी की थीम पर सजाया जा रहा है। सजावट के लिए चीन, न्यूजीलैंड सहित 5 देशों से विभिन्न प्रकार के फूल मंगवाए जा रहे हैं। इस बार, भक्तों को खास प्रकार के रंग-बिरंगे डिजाइन वाले छाते रास्ते पर लटकते हुए नजर आएंगे। मेले की तैयारियों में पूरी तत्परता दिखाई जा रही है, जिससे सभी श्रद्धालुओं का अनुभव सुखद और स्मरणीय हो सके।