पंजाब के फरीदकोट स्थित केंद्रीय मॉर्डन जेल में पंजाब जेल ओलंपिक 2025 के तहत जोनल स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष आयोजन में फरीदकोट जेल के साथ-साथ आस-पास की 6 अन्य जेलों के कैदी भी भाग ले रहे हैं। यह प्रतियोगिता खेलों की भावना को बढ़ाते हुए कैदियों में अनुशासन और टीम भावना की अनुभूति कराती है। 10 फरवरी को इन खेलों का समापन होगा, जब फाइनल मुकाबले आयोजित किए जाएंगे, जिसमें रस्साकशी, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, एथलेटिक्स के विभिन्न इवेंट्स, जैसे 100 मीटर, 400 मीटर दौड़, लंबी कूद, और कबड्डी शामिल हैं।
फरीदकोट जेल के अधिकारियों ने इस अद्वितीय पहल के पीछे का उद्देश्य स्पष्ट किया है, जिसमें कहा गया कि पंजाब जेल विभाग द्वारा इस प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित करने का लक्ष्य कैदियों की सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग करना और उनमें खेल भावना को विकसित करना है। यह प्रयास न केवल कैदियों को व्यस्त रखने में मदद करेगा बल्कि उनके जीवन में एक नया सकारात्मक दृष्टिकोन भी लाएगा। फाइनल मुकाबले में एकत्रित होने वाले कैदियों के योगदान और उनके खेल कौशल को देखने के लिए फरीदकोट का सिविल, पुलिस और न्यायिक विभाग भी इस आयोजन में सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है।
इस प्रतियोगिता की विजयी टीमें 15-16 मार्च को केंद्रीय जेल पटियाला में होने वाले इंटर-जोनल पंजाब प्रिजन ओलंपिक खेलों में फरीदकोट जोन का प्रतिनिधित्व करेंगी। फरीदकोट जेल के सहायक अधीक्षक राजदीप सिंह बराड़ ने बताया कि यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां कैदियों की प्रतिभा को पहचानने और उन्हें एक मंच प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। प्रतियोगिता की तैयारियों में जुटे अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी प्रतियोगिताएं सुचारू रूप से संचालित हों और खेलों का आनंद उठाने का अवसर कैदियों को प्रदान किया जाए।
इन खेल प्रतियोगिताओं का उद्देश्य कैदियों में सकारात्मक भावना का संचार करना है, जिससे की वे अपनी जीवन की चुनौतियों का सामना करते हुए खुद को बेहतर बना सकें। ऐसे आयोजनों से कैदियों में उत्साह, प्रेरणा, और एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास होता है। इसके अलावा, यह कार्यक्रम समाज में कैदियों के लिए एक नया दृष्टिकोण पेश करेगा, जो उनके पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
संक्षेप में, पंजाब जेल ओलंपिक 2025 का यह आयोजन कैदियों के लिए नई उम्मीद का प्रतीक है, जो न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक विकास को भी प्रोत्साहित करता है। इस तरह के ठोस प्रयासों से यह उम्मीद की जा सकती है कि कैदियों के भविष्य में सकारात्मक बदलाव आएगा।