सूरज बड़जात्या का खुलासा: गुस्से में चिल्लाते थे, रोती थीं हीरोइनें, अब समझी शांति की अहमियत!

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फिल्मनिर्माता सूरज बड़जात्या, जिन्होंने 1989 में “मैंने प्यार किया” के साथ अपने निर्देशन करियर की शुरुआत की, हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने विचार साझा करते हुए बताया कि कैसे शुरुआत में वह गुस्से में रहते थे और अपने साथी कलाकारों को चिढ़ाते थे। सूरज ने कहा कि उनके शुरुआती दिनों में उन्होंने कई हीरोइनों को रोने पर मजबूर कर दिया था, जिसमें भाग्यश्री का नाम भी शामिल है। उन्होंने स्वीकार किया कि उस समय उनकी मानसिकता बहुत भिन्न थी, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने समझा कि एक सफल फिल्म बनाने के लिए काम के माहौल में प्यार और शांति होना आवश्यक है।

सूरज बड़जात्या ने अपने काम करने के तरीके को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि वह अपनी फिल्मों की स्क्रिप्ट पर गहन तैयारी करते हैं। वह एक स्क्रिप्ट को लगभग 200 बार पढ़ते हैं और हर एक दृश्य, कपड़े, और प्रॉपर्टी पर ध्यान देते हैं। उनकी सोच है कि जब वह फिल्म की शूटिंग शुरू करते हैं, तो उन्हें केवल फिल्म बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि सुधारों में व्यस्त रहना चाहिए। यही वजह है कि उन्हें एक फिल्म बनाने में पांच साल लग जाते हैं। उन्होंने अपनी इस सोच को अपनी आदत बताते हुए कहा कि वे तब तक काम शुरू नहीं करते जब तक वे पूर्ण रूप से तैयार नहीं हो जाते।

सूरज ने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी दिशा-निर्देश को सुनना पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें अपने डायलॉग्स पर पूरी तरह से नियंत्रण चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके लिए इस प्रक्रिया में केवल पैसे का महत्व नहीं है। वे ज्यादा दृश्य और क्यूरेशन में न जाकर कहानी को प्राथमिकता देते हैं। सूरज ने बड़े निर्देशकों, जैसे राज कपूर, संजय लीला भंसाली और मणि रत्नम का उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी अपनी एक अलग शैली है, जिसमें वे सीधे तौर पर कहानी पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

हाल ही में, सूरज बड़जात्या ने ओटीटी प्लेटफॉर्म में भी कदम रखा है और अपनी नई वेब सीरीज “बड़ा नाम करेंगे” के साथ इस क्षेत्र में अपने पहले कदम रखे हैं। यह सीरीज दो साधारण लड़के-लड़की की कहानी पर आधारित है, जो शहर में आकर अपनी पहचान बनाने की कोशिश करते हैं। इस सीरीज को सोनी लिव पर 7 फरवरी को स्ट्रीम किया गया है। सूरज की इस नई पेशकश को देखने के लिए दर्शकों में काफी उत्साह है, वहीं उनकी प्रस्तुतियों में कहानी और भावनाओं का एक अनोखा संगम देखने को मिलता है।

सूरज बड़जात्या का यह सफर दर्शकों को प्रेरणा देने वाला है, जहां एक साधारण व्यक्ति अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के माध्यम से सफलता की ऊंचाइयों को छू रहा है। उनकी फिल्मों की विशेषता उनकी कहानी कहने की शैली, भावनाओं का गहरा चित्रण और दर्शकों के साथ जुड़ाव बनाने की क्षमता में निहित है। आशा है कि उनकी आने वाली परियोजनाएं भी इसी मार्ग पर चलकर भावी पीढ़ियों के प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।