छग विधानसभा:डिजिटल अरेस्ट और सायबर क्राइम को लेकर सदन में गृह मंत्री ने दी जानकारी
रायपुर, 28 फ़रवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान डिजिटल अरेस्ट और सायबर क्राइम का गंभीर मुद्दा उठा। विधायकों ने सरकार से इस पर कड़े सवाल किए, जिनका गृह मंत्री विजय शर्मा ने जवाब दिया।विजय शर्मा ने विधानसभा में बताया कि डिजिटल ट्रांजिक्शन के साथ-साथ साइबर क्राइम भी बढ़ा है। सायबर क्राइम दुनिया की चिंता है।केंद्र सरकार भी इसकी रोकथाम करने के प्रयास कर रही है। राज्य में जो मामले कार्रवाई के लिए बचे हुए हैं उनके ख़िलाफ़ भी जल्द कार्रवाई होगी।
इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि 722 सायबर ठगों को चिन्हित किया है इनमें से करीब तीन सौ के खिलाफ कार्रवाई की गई है।बाकी बचे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी? मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बीते साल 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का डिजिटल ट्रांजिक्शन हुआ है। भारत का डिजिटल ट्रांजिक्शन, जर्मनी भी अपना रहा है। सब्जी बेचने वालों को भी डिजिटल ट्रांजिक्शन से भुगतान किया जा रहा है।
बिल्हा से भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने डिजिटल अरेस्ट के मामलों पर सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा कि अब तक कितने लोग इसके शिकार हुए और कितनी राशि पीड़ितों को वापस दिलाई जा सकी।गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया, डिजिटल अरेस्ट के 12 प्रकरण सामने आए हैं। इन सभी प्रकरण में कार्रवाई की गई है। विधायक अजय चंद्राकर ने साइबर अपराध रोकने की प्रभावी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए पूछा कि ठगी के लिए इस्तेमाल किए गए खातों को फ्रीज क्यों नहीं किया गया? इस पर गृह मंत्री ने बताया कि ठगी के बाद पुलिस ने 1,795 बैंक खातों की पहचान की है, जिनमें से 921 खातों में बार-बार लेन-देन हुआ। सरकार ने स्पष्ट किया कि ठगी के लिए इस्तेमाल हुआ पहला खाता अनिवार्य रूप से फ्रीज किया जाता है, लेकिन लिंक खातों को फ्रीज नहीं किया जाता, सिर्फ राशि होल्ड की जाती है। पुलिस ने मामलों में 722 लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस ने 722 में से 347 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।।पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ठगों से 5 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि वसूलकर पीड़ितों को लौटाई है।पुलिस ने मामलों में 722 लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस ने 722 में से 347 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सायबर क्राइम को रोकने एक्सपर्ट की व्यवस्था पर सवाल पूछा, जिस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, अभी तक 723 आरोपित ही चिन्हांकित किया गया। इनकी संख्या कहीं ज्यादा है, अन्य की गिरफ्तारी और पाताशाजी की प्रक्रिया जारी है। वहीं अजय चंद्राकर ने पूछा प्रदेश में कितने साइबर थाने खोले गए हैं। इस पर मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, 1 साइबर भवन शुरू किया गया है, जिसके लिए 51 लाख सॉफ्टवेयर विभाग ने खरीदा है।उन्होंने जानकारी दी कि सायबर क्राइम को रोकने अत्याधुनिक मशीनरी की खरीदी की गई है। सभी 33 जिलों में सायबर सेल खोला गया है। प्रदेश के 6 पुलिस अधिकारी सायबर कमांडों की ट्रेनिंग ले रहे हैं। सायबर एक्सपर्ट की सेवाएं विभाग से ली जा रही है।गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि पाँच संभाग रेंजों में थानों को सायबर थानों में अपग्रेड किया गया है। सभी थानों में सायबर सेल खोली जा रही है।पाँच एक्सपर्ट इंगेज करने की प्रक्रिया बढ़ाई है। एक्सपर्ट बाहर से नहीं आ सकते। जो मैनपावर हैं उससे ही चिन्हांकित किया जा रहा है।राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। इंडियन सायबर क्राइम सेंटर से 129 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।