दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली, लेकिन अब पंजाब कांग्रेस ने 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है। पार्टी के हाईकमान ने सभी नेताओं को निर्देश दिए हैं कि उन्हें हर संदर्भ में लोगों के बीच जाकर समस्याओं को समझने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, पार्टी ने आम आदमी पार्टी (AAP) को घेरने की योजना बनाई है, खासकर उन 31 पंजाबी युवाओं के मामले को लेकर जिन्हें अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है। कांग्रेस का कहना है कि यह एक गंभीर मुद्दा है, जो सीधे युवाओं के भविष्य और उनके परिवारों से जुड़ा हुआ है।
कांग्रेस के नेताओं के अनुसार, दिल्ली चुनाव के परिणामों को लेकर पार्टी में उत्साह है, भले ही वहां उसका कोई भी प्रतिनिधित्व नहीं हो। पार्टी ने दो वर्षों का समय अपने पास रखा है, जिसमें वह AAP की कमजोरियों को उजागर कर सकती है। पंजाब कांग्रेस का संगठन भी हाल के समय में मजबूत हुआ है, और कई पूर्व नेता जिन्होंने पार्टी को छोड़ दिया था, अब वापस लौट चुके हैं। इन सभी गतिविधियों के मद्देनजर, कांग्रेस में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
आम आदमी पार्टी, जब सत्ता में आई थी, तो उसने भ्रष्टाचार और नशे को अपने प्रमुख मुद्दे के रूप में पेश किया था। कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आप सरकार ने केस दर्ज किए और उन्हें गिरफ्तार किया। लेकिन अब यह स्पष्ट हो चुका है कि पंजाब की AAP सरकार ने बदले की भावना से यह सब किया था, खासकर जब हाईकोर्ट ने कुछ नेताओं को बरी कर दिया और उनकी एफआईआर रद्द कर दी। इससे साबित होता है कि केंद्रीय नेताओं द्वारा उठाएं गए मुद्दे दरअसल राजनीतिक प्रतिशोध था।
इसके अतिरिक्त, आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले कई गारंटियां दी थीं, जिनमें महिलाओं को एक हजार रुपए की पेंशन शामिल थी, लेकिन ये वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार और नशे से जुड़ी समस्याएं आज भी बनी हुई हैं, साथ ही खनन का मुद्दा भी गंभीर है। पिछले उपचुनावों में भले ही कांग्रेस ने केवल एक सीट जीती, लेकिन यह ध्यान देना जरूरी है कि बरनाला सीट को AAP का गढ़ माना जाता था, जो उनकी चुनावी मजबूती पर एक सवाल चिह्न लगा देता है।
अब सभी पंजाब कांग्रेस के विंग सक्रिय रूप से राज्य में काम कर रहे हैं। NSUI के प्रधान इशप्रीत सिंह का कहना है कि लोग अब कांग्रेस से उम्मीदें रखते हैं। पार्टी युवाओं के मुद्दों पर खड़ी है और अमेरिका से डिपोर्ट किए गए युवाओं के पुनर्वास के लिए सरकार से तत्परता से कदम उठाने की अपील कर रही है। उनकी मांग है कि सरकार युवाओं को जल्द से जल्द सेटल करने की प्रक्रिया शुरू करे, अन्यथा कांग्रेस इस मामले को लेकर संघर्ष जारी रखेगी। इस प्रकार पंजाब कांग्रेस ने साफ-साफ संकेत दिया है कि वह अगले चुनावों में अपने मुद्दों को लेकर और भी अधिक सक्रिय और सशक्त भूमिका निभाने के लिए तैयार है।