रविवार को चंडीगढ़ में यूथ कांग्रेस द्वारा महंगाई, मालिकाना हक और अमेरिका से जबरन डिपोर्ट किए गए भारतीयों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का सहारा लिया। जब कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को हटाने का प्रयास किया, तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। यह स्थिति तब और गंभीर हो गई जब पुलिस ने यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक लुबाना, उपाध्यक्ष सचिन गालव और अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें सेक्टर-36 पुलिस थाने ले गई।
यूथ कांग्रेस के कार्यक्रम के तहत, कार्यकर्ताओं ने बीती शाम सेक्टर-33 में स्थित भाजपा कार्यालय ‘कमलम’ का घेराव करने की योजना बनाई थी। सभी कार्यकर्ता सेक्टर-35 के कांग्रेस कार्यालय से जोरदार नारेबाजी करते हुए निकले, लेकिन पुलिस ने 100 मीटर की दूरी पर बैरिकेडिंग कर दी। इसके बावजूद, कांग्रेस नेताओं ने बैरिकेडिंग को हटाकर आगे बढ़ने का प्रयास किया और पुलिस की चेतावनियों को नजरअंदाज किया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पानी की बौछार करने का कदम उठाया, लेकिन इसके बावजूद जब कार्यकर्ता नहीं रुके, तो उन्हें लाठीचार्ज का सामना करना पड़ा। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने यूथ कांग्रेस के कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें डिप्टी मेयर तरूणा मेहता के पति यादविंद्र मेहता और अन्य 15 कार्यकर्ता शामिल थे। कुछ समय बाद अधिकांश नेताओं को छोड़ दिया गया, लेकिन दीपक लुबाना और सचिन गालव को पुलिस ने हिरासत में रखा।
इस दौरान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक लुबाना ने प्रशासन पर धक्काशाही का आरोप लगाया। लुबाना ने कहा कि उनका लक्ष्य भाजपा कार्यालय का घेराव करना था, लेकिन प्रशासन ने उन पर बल प्रयोग किया। उन्होंने कहा, “हम केवल देश की आवाज उठाने आए थे, लेकिन प्रशासन हमें रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के संबंध में भी जानकारी नहीं मिल रही है कि उन्हें किस वाहन में रखा गया है।”
चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर ने इस विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली हार के बाद कांग्रेस पार्टी बौखला गई है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस तीन चुनावों के बाद भी दिल्ली की जनता पर कोई प्रभाव डालने में असमर्थ रही है। अब उनकी ओर से महंगाई को मुद्दा बनाकर प्रदर्शन किया जा रहा है, जो उनकी असफलता को दर्शाता है।”
इस विरोध प्रदर्शन ने चंडीगढ़ में राजनीतिक गर्माहट को और बढ़ा दिया है। पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच की ये झड़पें सरकार और विपक्ष के बीच ताजा मतभेदों को दर्शाती हैं और आने वाले समय में विपक्ष की रणनीति को लेकर कई सवाल खड़े करती हैं।