श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा गठित एक सात सदस्यीय समिति की पहली बैठक आज पटियाला में आयोजित की गई। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि समिति की अगली बैठक 11 फरवरी को बहादुरगढ़ में होगी। इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ को भी आमंत्रित किया गया है। इस समिति का प्राथमिक उद्देश्य नई सदस्यता प्रक्रिया की निगरानी करना और उसे सुचारू रूप से संचालित करना है।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि बैठक का माहौल सौहार्दपूर्ण था और इसमें सभी सदस्यों ने अपने विचार स्वतंत्रता से रखे। समिति के सदस्यों में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी, पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर किरपाल सिंह बडूंगर, इकबाल सिंह झूंडा, मनप्रीत सिंह अयाली, गुरप्रताप सिंह वडाला, संता सिंह उमेदपुरी, और सतवंत कौर शामिल थे।
हालांकि, शिरोमणि अकाली दल ने कानूनी अड़चनों का हवाला देते हुए इस सात सदस्यीय समिति को मान्यता देने से इनकार किया था, लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब की सख्ती के बाद इस मुद्दे पर सक्रियता बढ़ी है। यह समिति 2 दिसंबर 2024 को गठित की गई थी, जब अकाल तख्त साहिब ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और अन्य नेताओं को धार्मिक अनुशासन का पालन नहीं करने के लिए सजा सुनाई थी। इसके परिणामस्वरूप पार्टी के नेतृत्व में बदलाव के लिए यह समिति बनाई गई थी। समिति को छह महीने के भीतर सदस्यों की चयन प्रक्रिया पूरी करने और नए अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों का चयन करने का कार्य सौंपा गया है।
इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण बैठक 28 जनवरी 2025 को ‘सिंह साहिबान’ की पहल पर तय की गई थी, जिसमें शिरोमणि अकाली दल के पुनर्गठन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जानी थी। मगर ज्ञानी रघबीर सिंह की व्यस्तता के कारण यह बैठक रद्द कर दी गई। वर्तमान में, पांच सिंह साहिबानों की बैठक ज्ञानी रघबीर सिंह के विदेश से लौटने के बाद ही संपन्न हो पाएगी।
समिति की आज की बैठक में सदस्यता अभियान की प्रगति, पार्टी के आंतरिक सुधार और आगामी नेतृत्व चुनावों के लिए रणनीतियों पर चर्चा किए जाने की संभावना है। इस प्रकार, यह समिति शिरोमणि अकाली दल के भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की दिशा में प्रयासरत है। समिति की प्रयासों को लेकर पार्टी के भीतर आशाएँ और चिंताएँ दोनों हैं, लेकिन सभी की नजरें अब आगामी बैठक पर हैं, जिसमें आगे की कार्रवाइयों पर विचार किया जाएगा।