सनातन की मातृ भाषा संस्कृत कों बचा रहे गुरुकुलों के आचार्यः महंत रविंद्र पुरी
महाकुम्भ नगर, 4 फरवरी(हि.स.)। महाकुम्भ मे अचला सप्तमी पर बागम्बरी गद्दी में कार्यक्रम अखिल भारतीय अखाडा परिषद एवं माँ मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी की अध्यक्षता मे आयोजित किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम सनातन परम्पराओं को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। क्योंकि सनातन धर्म की मुख्य मातृ भाषा संस्कृत है जो आज विलुप्त हो रही हैं। अखाड़ों द्वारा संचालित गुरुकुलों में हमारी इस संस्कृति को दोबारा जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। ऐसे गुरुकुल के आचार्यों का सम्मान विश्वास स्तर पर होना चाहिए, जिससे हमारी परम्पराओं का प्रचार प्रसार किया जा सके और सनातन की संस्कृति की इस धरोहर कों बचाया जा सके। कार्यक्रम मे अखाड़ों के द्वारा संचालित गुरुकुलों के आचार्यों और उत्कृष्ट कार्य करने वालो को अखाड़ा परिषद अध्यक्ष द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गुरुकुल के विद्यार्थियों द्वारा मंत्रो का उच्चारण करके की गई। स्वामी बालवीर गिरी ने सभी संत महापुरुषों का फूल मला पहनकर स्वागत किया। सभी संत महापुरुषों ने महाकुंभ मेले का तीसरा शाही स्नान सहकुशल संम्पन्न होने पर बधाई देते हुए साधुवाद दिया। इस अवसर पर उज्जैन स्थित अर्जी वाले हनुमान जी अखाड़ा के सचिव महंत राम रतन गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी,, महंत शंकारानन्द सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द, महंत ओमकार गिरी, महंत दिनेश गिरी, महंत राधे गिरी, महंत नरेश गिरी, महंत राकेश गिरी और स्वामी राजगीरी के संग अनेक संत मौजूद रहे।