पंजाब के जालंधर जिले में एक चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसमें 45 वर्षीय हरप्रीत सिंह प्लास्टिक के धागे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। आदमपुर के पास हुई इस घटना में व्यक्ति का गला कट गया, लेकिन गनीमत यह रही कि उसकी सांस की नली सुरक्षित रही। घटना के बाद पीड़ित को गांव सरोबाद के लोगों ने त्वरित सहायता प्रदान की और निजी अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने बताया कि उनकी हालत गंभीर है, लेकिन सांस की नली को कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुँचा है।
सतिंदर कौर, हरप्रीत सिंह की पत्नी, ने बताया कि उनके पति दोपहर को मोटरसाइकिल पर आदमपुर गए थे। लौटते समय गांव नाहल में वह अचानक प्लास्टिक के धागे में उलझ गए, जिसके चलते वह गला कट जाने से सड़क पर बेहोश होकर गिर पड़े। यह स्थिति उनकी जान पर खतरा डाल रही थी, लेकिन स्थानीय राहगीरों और ग्रामीणों की मदद से उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल गई।
इस घटना ने एक बार फिर भारत में प्लास्टिक डोर के खतरनाक प्रभावों की याद दिलाई है। दरअसल, चाइना डोर या प्लास्टिक डोर, जो अत्यधिक नुकीला होता है, पर भारत और पंजाब सरकार ने पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बावजूद कुछ व्यवसायी इसे अवैध रूप से बेचने से नहीं चूकते हैं। यह अत्यधिक खतरनाक है न केवल इंसानों के लिए बल्कि पक्षियों के लिए भी, और इसलिए इसे प्रतिबंधित किया गया है।
पंजाब में पहले भी प्लास्टिक डोर के कारण कई हादसे हो चुके हैं। ऐसे मामलों में न केवल घायल होने वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़ी है, बल्कि जानवरों और पक्षियों के लिए भी यह एक बड़ा खतरा बन गया है। इसके मुकाबले सुरक्षा उपायों को स्थापित करना और लोगों को जागरूक करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मामले पर स्थानीय प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और अवैध रूप से बिकने वाले प्लास्टिक डोर के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। इसके साथ ही, लोगों को भी जागरूक करना चाहिए कि वे इस तरह के खतरनाक सामग्री से दूर रहें। स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इस तरह के अवैध व्यापार को समाप्त करना अत्यधिक आवश्यक है। हमें उम्मीद है कि इस घटना के बाद प्रशासन और समाज के लोग एकजुट होकर इस समस्या का समाधान निकालेंगे।