विभिन्न समस्याओं को लेकर किसान एकता संघ ने किया प्रदर्शन
बरेली, 23 दिसंबर (हि.स.) । किसान एकता संघ के कार्यकर्ताओं ने साेमवार काे राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ रवि नागर के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को दिया। नागर ने बताया कि गौतम बुद्ध नगर में दर्ज की गई एफ आई आर संख्या 538 दिनांक 4 दिसंबर के मामले से पता चलता है कि पुलिस कमिश्नर ने 112 किसानों को एक पुलिस सब इंस्पेक्टर राजीव कुमार की हत्या के प्रयास और मेट्रो ट्रेन रोकने के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 के झूठे आरोपों में फंसाया है जो निराधार है। किसान पिछले 21 दिनों से जेल में बंद है।
आगे कहा कि नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति और तीन कृषि कानून को पिछले दरवाजे से फिर से लागू करने की कॉरपोरेट एजेंट की रणनीति का एक हिस्सा है। पिछले तीन वर्षों से खाद सब्सिडी में 60 करोड़ रुपए और उर्वरक सब्सिडी में 62 करोड़ रुपए की कटौती देश की सीमित एनसीपी और खाद्य सुरक्षा की मौजूदा अर्थव्यवस्था पर कॉर्पोरेट हमला है। यह नीति भारत के मेहनतकश लोगों को चुनौती दे रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार केवल कॉर्पोरेट की सेवा कर रही है। उन्हाेंने प्रधानमंत्री काे संबाेधित कर कहा कि उम्मीद है कि भारत सरकार के मुखिया के रूप में आप इस देश के किसानों द्वारा ज्ञापन में उठाई गई वास्तविक मांगों पर गंभीरता से ध्यान देंगे और सुनिश्चित कार्रवाई करेंगे। किसान संगठनों के साथ बातचीत कर किसान नेता जगदीश सिंह की जान बचाई जाये। किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सोरन प्रधान सहित जेल में बंद सभी किसान नेताओं को जेल से रिहा किया जाए। दिल्ली कूच करने वाले किसानों का दमन बंद किया जाए। राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लिया जाए। आगे कहा कि सभी किसान संगठनों के साथ तत्काल चर्चा करें और 9 दिसंबर 2021 के पत्र में सहमति के अनुसार सभी लंबित मुद्दों पर समाधान करें। उत्तर प्रदेश में दक्षिणांचल एवं पूर्वांचल विद्युत निगम का निजीकरण का फैसला वापस हो निगम के घाटे की जांच हो, घाटे की जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।