पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर हाल ही में हुए हमले के मामले में हमलावर नारायण सिंह चौड़ा को अमृतसर कोर्ट में पेश किया गया है। जहां दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत कोर्ट ने चौड़ा का रिमांड तीन दिनों के लिए और बढ़ा दिया है। यह हमला 4 दिसंबर को हुआ था और इसके बाद नारायण सिंह को पहली बार कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत दी गई थी। आज जब उनकी हिरासत समाप्त हुई, तब पुलिस ने विस्तारित रिमांड की मांग की, लेकिन कोर्ट ने केवल तीन दिन का अतिरिक्त समय दिया। इस रिमांड का कारण बताया गया है कि चौड़ा ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कुछ हथियारों को छिपा रखा है, जिन्हें रिकवर करना जरूरी है।
इसके अतिरिक्त, मामले में चौड़ा के दोनों बेटों, जगजीत सिंह बाजवा और बलजिंदर सिंह बाजवा से भी पुलिस ने गहन पूछताछ की है। यह दोनों वकील हैं और उन्होंने अपने पिता के समर्थन में आवेदन भी दायर किया था। हमले के वक्त सुखबीर सिंह बादल गोल्डन टेम्पल के गेट पर सेवादार के रूप में खड़े थे। उसी समय खालिस्तानी आतंकवादी नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर गोली चलाई। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसके हाथ को पकड़ लिया, जिससे गोली गोल्डन टेम्पल की दीवार पर जा लगी और सुखबीर की जान बच गई। बाद में हमलावर को पकड़ लिया गया और सुरक्षा के मद्देनजर गोल्डन टेम्पल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई।
नारायण सिंह चौड़ा का जन्म 4 अप्रैल, 1956 को गुरदासपुर जिले के चौड़ा गांव में हुआ था। वह 1984 में पाकिस्तान गए और वहां विभिन्न आतंकवादी समूहों से जुड़े रहे। उन्हें ग्रिल्ला युद्ध पर लिखने के अलावा आतंकवाद के दौर में कई आतंकी घटनाओं की योजना बनाने और हथियारों की तस्करी के लिए जाना जाता है। उनके खिलाफ 8 मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइंस थाने में कई मामले दर्ज हुए थे और वे कई गैरकानूनी गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं।
चौड़ा की गिरफ्तारी की कहानी भी काफी दिलचस्प है। पंजाब पुलिस ने उन्हें 2013 में गिरफ्तार किया था और उनके साथियों के पास से बड़े पैमाने पर विस्फोटक और अन्य हथियार बरामद किए गए थे। इसके अलावा, चौड़ा पर 2004 में चंडीगढ़ में हुए बुड़ैल जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड होने का भी आरोप है। उन्होंने जेल के अंदर कैदियों के लिए भोजन और आवश्यक सामान पहुंचाने का काम किया और उनके बाहरी संपर्कों का तथ्य भी सामने आया था। पुलिस जांच में यह बात स्पष्ट हुई कि चौड़ा ने कई आतंकियों को मदद की थी, जिन्होंने बाद में सुरंग के जरिए जेल से भागने में सफलता पाई।
इस मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि नारायण सिंह चौड़ा न सिर्फ इस हमले में आरोपी है बल्कि उसका इतिहास भी कई गंभीर आपराधिक गतिविधियों से भरा पड़ा है। पुलिस की प्राथमिकता अब यही है कि जल्दी से जल्दी हथियारों को बरामद किया जाए और पूरे मामले की गहराई से जांच की जाए।