क्या स्टूडेंट्स ने प्रकृति के अनोखे राज़ से उठाया पर्दा? जानिए जागरुकता अभियान की पूरी कहानी!

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अमृतसर| गुरु रविदास आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय और आयुष मंत्रालय के आदेश के बाद श्री लक्ष्मी नारायण आयुर्वैदिक कॉलेज ने एक विशेष प्रकृति परीक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को आयुर्वेद के लाभों से अवगत कराना और उनकी स्वास्थ्य संदर्भ में समझ को बढ़ाना है। कॉलेज के प्रधान रमेश चंद्र शर्मा और महासचिव डीपी गुप्ता के नेतृत्व में यह पहल की जा रही है, जिसमें कॉलेज के शिक्षक और छात्र मिलकर रोजाना हजारों लोगों को आयुर्वेद की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

इस अभियान के तहत, एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित की गई है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी शारीरिक प्रकृति की जांच आसानी से करवा सकता है। इस एप के जरिए उपयोगकर्ता अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सकते हैं और आयुर्वेदिक उपचारों को समझ सकते हैं। प्रिंसिपल डॉ. मीनाक्षी अरोड़ा और डॉ. राजीव सूद ने सभी से इस ऐप का लाभ उठाने की अपील की है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी स्वास्थ्य स्थिति को जान सकें और सही मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें।

आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ाना केवल बुनियादी स्वास्थ्य साक्षरता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों को एक समग्र जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है। यह नेक कार्य समाज में संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे परीक्षणों और डिजिटल टूल्स की सहायता से, यह संभव है कि लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सतर्क हों और अपनी जीवनशैली में आवश्यक बदलाव कर सकें।

श्री लक्ष्मी नारायण आयुर्वैदिक कॉलेज की यह पहल विशेष रूप से युवाओं और छात्रों के बीच आयुर्वेद के महत्व को समझने में सहायक सिद्ध होगी। स्वास्थ्य समस्याओं के लिए औषधियों के साथ-साथ, उनके प्राकृतिक उपचार के तरीकों को जानना भी बेहद आवश्यक है। इस प्रकार, शिक्षण संस्थान के क्षमता का उपयोग करते हुए, यह कार्यक्रम एक विस्तृत बदलाव ला सकता है, जिससे लोग अपनी जड़ों की ओर लौटकर भगवान गुरु रविदास द्वारा बताए गए जीवन के सिद्धांतिकों का उपयोग कर सकें।

इस अभियान का उद्देश्य है केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारना नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी मजबूती देना। इसलिए, यह जरूरी है कि लोग न केवल इस एप्लिकेशन का उपयोग करें, बल्कि अपने समाज में भी इसके लाभों को फैलाने का कार्य करें। इस प्रकार, आयुर्वेद को अपनाना और उस पर आधारित जीवनशैली को अपनाना आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में आवश्यक हो गया है।