झज्जर : भारत माता की जय के नारों से गूँज उठी गांव की गालियाँ
– शहीद को दी श्रद्धांजलि, पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित
झज्जर, 22 दिसंबर (हि.स.)। जिले के गांव जगरदपुर की गलियां भारत माता की जय और देशभक्ति का जज्बा बढ़ाने वाले नारों से गूंज उठी। अवसर था भारत-पाकिस्तान की सीमा पर कारगिल में बलिदान देने वाले बहादुर सैनिक प्रकाश सहरावत की पुण्यतिथि का। देशभक्ति का यह माहौल पैदा करने वाले किसी स्कूल के बच्चे नहीं बल्कि खुद इलाके के पूर्व सैनिक थे। वह हाथों में तिरंगे लेकर गांव में शहीद प्रकाश को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।
त्रिवेणी पूर्व सैनिक संगठन बहादुरगढ़ से जुड़े इलाके के पूर्व सैनिकों ने गांव जगरदपुर में शहीद प्रकाश सहरावत को श्रद्धांजलि दी। इन पूर्व सैनिकों में थल सेना, वायु सेवा और जल सेना के भी सेवामुक्त फौजी शामिल रहे।
डीजे पर देशभक्ति के गीतों के साथ भारत माता की जय के जयकारे लगाते पूर्व सैनिकों को चलते देख ग्रामीण उमड़ पड़े। सिर पर अपने संगठन की टोपियां पहने हुए हाथों में तिरंगे ध्वज लेकर चले पूर्व सैनिकों ने ग्रामीणों में देशभक्ति का जज्बा भर दिया।
गांव के बाहर से बलिदानी प्रकाश सहरावत के स्मारक तक जुलूस के रूप में पहुंचे इन पूर्व सैनिकों को देखने के लिए गलियों में ग्रामीण उमड़ पड़े। देश और सेना के प्रति लोगों में जोश का संचार हो गया। शहीद स्मारक पहुंचकर पूर्व सैनिकों ने यज्ञ में आहुति दी और बलिदानी प्रकाश को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बलिदानी प्रकाश के भाई नरेश सहरावत व अन्य प्रमुख लोगों ने सभा में मौजूद सैकड़ों लोगों की मौजूदगी मैं सभी पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। पूर्व सैनिकों की अगुवाई त्रिवेणी पूर्व सैनिक संगठन बहादुरगढ़ के संस्थापक धर्मवीर कादयान और संगठन के प्रधान श्रीनिवास छिकारा ने की।
प्रसिद्ध लोकगायक दिनेश किलोई और अनिल कंसाला सहित कई लोकगायकों ने देशभक्ति की रागनियां सुनाकर लोगों को देशभक्ति की प्रेरणा दी।अनिल कंसाला की रागनी ‘मैं मर गया तै म्हारे देस के क्या सूने डेरे हो ज्यांहगे। मेरे जैसे वीर भगत सिंह और भतेरे हो ज्यांहगे।।’
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