शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की समस्याएं अभी कम होती नजर नहीं आ रही हैं। उन्होंने हाल ही में बीबी जगीर कौर के प्रति अपशब्द कहे थे, जिसके बाद पंजाब महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले पर कार्रवाई शुरू की। इस घटना के बाद अब अकाली दल का महिला विंग भी श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच चुका है। वहां, बीबी किरणजोत कौर और उनकी टीम ने अकाल तख्त पर एक मांगपत्र पेश किया है। उनका कहना है कि एक पारिवारिक संबोधन के अंतर्गत महिलाओं को अपशब्द कहना अनुचित है और इससे उनकी गरिमा को ठेस पहुंची है।
बीबी किरणजोत कौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह सही नहीं है कि लोग महिला को अपशब्द कहकर माफी मांगकर निकल जाएं। अगर ऐसा होता है, तो कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द कहकर बच सकता है। यहां मुद्दा महिला की इज़्ज़त और सम्मान का है।” उन्होंने यह भी कहा कि एडवोकेट धामी खुद एक वकील हैं, इसलिए उन्हें कानूनी व्यवहार और सम्मान का पूरा ज्ञान होना चाहिए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि श्री अकाल तख्त समिति के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह इस नाजुक मामले में क्या निर्णय लेते हैं।
हाल ही में, एडवोकेट धामी ने चंडीगढ़ में महिला आयोग को अपनी स्थिति स्पष्ट की थी। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके शब्द असामर्थ्यपूर्ण थे और इसके लिए उन्होंने माफी मांगी। महिला आयोग की अध्यक्षा राज लाली गिल ने स्पष्टीकरण दिया है कि केवल माफी मांगने से मामला समाप्त नहीं होगा। उनका कहना है कि वे बीबी जगीर कौर से जल्द ही बातचीत करेंगी ताकि उनके बयान को सुना जा सके। इसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जब मामला मीडिया में सामने आया, तो महिला आयोग ने धामी को नोटिस भेजा। इसका धामी ने जवाब देते हुए कहा कि बातचीत के दौरान कुछ आपत्तिजनक शब्द उनकी जुबान पर आ गए थे और इसके लिए उन्हें खेद है। उन्होंने येथे उपस्थित सभी महिलाओं से माफी मांगी और यह भी कहा कि वे अकाल तख्त द्वारा दिए गए किसी भी आदेश का पालन करेंगे।
इस घटना के उत्पत्ति की बात करें, तो एडवोकेट धामी ने एक वेब चैनल पर इंटरव्यू देते वक्त अचानक गुस्से में आकर बीबी जगीर कौर के संदर्भ में अपशब्द कहे थे। इस घटना के बाद उनके शब्दों ने मीडिया में तूफान मचा दिया और यह सामाजिक चर्चा का विषय बन गए। अब देखना यह है कि इस मामले में किस प्रकार की कानूनी और सामाजिक कार्रवाई की जाती है और क्या महिलाएं अपने सम्मान की पुनरर्पण में सफल हो पाती हैं।