पंजाब के किसान आज अपनी मांगों को लेकर एक बड़ा रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं, जो राज्य के अलग-अलग हिस्सों में फैल गया है। इस आंदोलन के तहत किसान मोगा रेलवे स्टेशन समेत कई स्थानों पर बड़ी संख्या में जमा हो गए हैं। किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और केंद्रीय भाजपा सरकार के खिलाफ कड़े नारेबाजी की। इस आंदोलन में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी, किसान आगू, किसान मजदूर संगठन और किसान यूनियन के कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी शामिल हैं।
किसान आगू के पंजाब उपाध्यक्ष राणा रणबीर सिंह ने बताया कि वे 13 फरवरी से लगातार 13 मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। पिछले 23 दिनों से जगजीत सिंह डल्लेवाल मरणव्रत पर हैं, जिसकी वजह से उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर होती जा रही है। डॉक्टरों ने उन्हें सचेत किया है कि उनकी सेहत किसी भी समय बिगड़ सकती है। राणा रणबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों के मुद्दे पर बातचीत करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों से कहा था कि वे दिल्ली की तरफ बढ़ें, लेकिन हरियाणा सरकार ने आदेशानुसार किसानों पर रबर बुलेट्स चलाए और आंसू गैस के गोले फेंके। इन घटनाओं के परिणामस्वरूप 45 किसान घायल हो गए। किसान नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं होता है, तो आने वाले दिनों में उनका संघर्ष और भी अधिक तेज होगा।
इस आंदोलन में किसानों की भावनाएं स्पष्ट हैं। वे अपनी संख्या बढ़ाते जा रहे हैं और अपनी आवाज को उठाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। किसानों का मानना है कि उनकी समस्याओं का समाधान समय रहते किया जाना चाहिए, अन्यथा वे और भी कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर हो सकते हैं। यह आंदोलन केवल किसानों के लिए नहीं है, बल्कि यह पूरे पंजाब में एक बड़ी सामाजिक-आर्थिक समस्या का संकेत है, जिसे सरकारों को गंभीरता से लेना होगा।
अंत में, यह आंदोलन एक बार फिर से यह साबित करता है कि किसान अपने हक के लिए खड़े होने को तैयार हैं और उनकी एकता ही उनकी शक्ति है। समय आ गया है कि सरकारें इस मुद्दे को गंभीरता से लें और शीघ्र ही समाधान प्रस्तुत करें, ताकि किसानों की परेशानियों को दूर किया जा सके और उन्हें न्याय मिल सके।