जगराओं: फाइनेंस कंपनी कर्मचारियों से लूट, 1 लाख रुपए समेत हथियारबंद हमला!

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जगराओं क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना में किसान माइक्रो फाइनेंस कंपनी के दो कर्मचारियों को लुटेरों ने हथियार के बल पर लूट लिया। लुटेरे हिस्से में 1 लाख रुपए की नगद राशि और मोबाइल फोन लेकर फरार हो गए। बताया जा रहा है कि दोनों कर्मचारी गांव में लोगों से उधार की राशि की रिकवरी करने गए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

चंडीगढ़ निवासी लछमन मुरगन, जो किसान माइक्रो फाइनेंस कंपनी में कार्यरत हैं, ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा कि वह पिछले दो सालों से इस कंपनी में काम कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि उनकी कंपनी ने गांव गालिब कलां में 15 लोगों को छोटे लोन जारी किए हुए हैं। लछमन और उनका साथी एक लाख रुपए लेकर गांव गालिब कलां पहुंचे थे ताकि वे वहां से लोगों से रिवाज करने और नए लोन देने का कार्य करें। जब वे गांव में एक ग्राहक से पैसे लेकर बाहर निकल रहे थे, तब एक अप्रिय घटना घटित हुई।

जब लछमन और उनके साथी अपने बाइक पर सवार होकर गांव से निकल रहे थे, इसी दौरान नकाबपोश तीन लुटेरों ने उन्हें घेर लिया। उनके पास लोहे की रॉड और अन्य धारदार हथियार थे, जिन्होंने तुरंत ही दोनों कर्मचारियों को डरा-धमका कर उनकी जेब से 1 लाख 2 हजार रुपए और मोबाइल फोन छिन लिया। लुटेरों की इस करतूत ने न केवल लछमन और उनके साथी को प्रभावित किया, बल्कि पूरे गांव में व्यापक सुरक्षा चिंताओं को भी जन्म दिया है।

पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस को घटनास्थल के आस-पास सीसीटीवी कैमरों की फुटेज पर काम करने की उम्मीद है और लुटेरों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने भी इस घटना के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और उनमें भय का माहौल व्याप्त हो गया है।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि क्षेत्र में मुख्यत: छोटे उद्यमियों और कर्मचारियों को लुटेरों से अधिक खतरा है। किसान माइक्रो फाइनेंस जैसी कंपनियों द्वारा दी जा रही सूक्ष्म ऋण सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं न केवल कर्मचारियों के लिए, बल्कि कर्ज लेने वाले ग्राहकों के लिए भी खतरा बन रही हैं। ऐसे में प्रबंधन, स्थानीय प्रशासन और पुलिस को मिलकर उपाय करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके और गांवों में सुरक्षा की भावना को मजबूत बनाया जा सके।