जनकपुर में दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव का आज आखिरी दिन 

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जनकपुर में दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव का आज आखिरी दिन 

काठमांडू, 22 दिसंबर (हि.स.)। जनकपुर के जानकी मंदिर परिसर में शनिवार से शुरू हुए अंतराष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव का आज आखिरी दिन है। कॉन्क्लेव में भारत-नेपाल के लोक संस्कृति नृत्यों की प्रस्तुति हुई। पहले दिन विश्व प्रसिद्ध गायक एवं भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा की प्रस्तुति हुई। आज प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति हो रही है। इसी तरह देर रात आज कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया है।

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, अंतराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या तथा उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के संयुक्त आयोजन में जनकपुर में दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। जानकी मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से रविवार को इस कॉन्क्लेव में कई शोध पत्र भी पेश किये जाएंगे। इस कॉन्क्लेव के पहले सत्र में शनिवार को आयोजित रामायण समागम के तहत भारत से आए संत विद्या भास्कर महाराज, संत सुखदेव दास, बालक दास एवं नेपाल के धर्म गुरु डाॅ. पुरुषोत्तम आचार्य, रामानंद महाराज के साथ जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंथ रामरोशन दास ने रामायण काल के सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा की।

जनकपुर और अयोध्या का संबंध त्रेता युग से ही चले आने के कारण यह अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि त्रेता युग से आज तक भगवान श्रीराम और माता जानकी के बीच वैवाहिक संबंध को उसी उत्साह हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाता है। जानकी मंदिर के महंथ रामरोशन दास ने बताया कि मिथिला वासी आज भी जानकी जी को बहन की तरह ही मानते हैं और घर-घर में उनकी पूजा उसी तरह से की जाती है। कॉन्क्लेव में भारत-नेपाल के लोक संस्कृति नृत्यों की प्रस्तुति हुई। मथुरा के कलाकारों ने बम रसिया और धोबिया नृत्य प्रस्तुत किया। इसी तरह जनकपुर के मिथिला नाट्यकला परिषद ने जानकी लीला प्रस्तुत की, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया।

कॉन्क्लेव के पहले दिन विश्व प्रसिद्ध गायक एवं भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा की प्रस्तुति हुई। आज रविवार को दूसरे दिन प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति हो रही है। इसी तरह देर रात आज कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया है, जिसमें भारत के कई नामी कवियों का आगमन हो चुका है।

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