पंजाब के पठानकोट ग्रीनफील्ड हाईवे को 666.81 करोड़ की मंजूरी: वक्त बचेगा!

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केंद्र सरकार ने पंजाब में विकास को गति देने हेतु ग्रीनफील्ड पठानकोट लिंक रोड के निर्माण के लिए 666.81 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत कर दी है। यह सड़क 12.34 किलोमीटर लंबी होगी और यह एनएच-44 पर स्थित तलवाड़ा जट्टां गांव को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर स्थित गोबिंदसर गांव से जोड़ने का कार्य करेगी। इस परियोजना से संबंधित जानकारी केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर साझा की। उन्होंने लिखा कि इस हाईवे के निर्माण की मंजूरी मिल गई है, जो लोगों के लिए सफर को अधिक सुगम और सुविधाजनक बना देगा।

इस लिंक रोड के निर्माण के बाद, एक निश्चित यात्रा जो पहले एक घंटे में पूरी होती थी, वह अब मात्र 20 मिनट में हो जाएगी। इससे पठानकोट के निवासियों को ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत मिलेगी, जिससे उनके दैनिक जीवन में सुधार आएगा। इस सड़क का सूचना करते हुए नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि यह लिंक रोड 4/6 लेन का होगा और यह एनएच-44 (दिल्ली-श्रीनगर), एनएच-54 (अमृतसर-पठानकोट) और जम्मू-कश्मीर में चल रहे दिल्ली-अमृतसर-कतरा एक्सप्रेसवे के बीच अहम कनेक्शन का काम करेगा।

परियोजना के पूरा होने से पठानकोट शहर में ट्रैफिक की समस्या कम होने के साथ ही, जम्मू-कश्मीर जाने वाले यात्रियों को भी कई लाभ होंगे। मूर्त उदाहरण के तौर पर, इस नई लिंक रोड की वजह से वर्तमान रूट को 53 किलोमीटर से घटाकर 37 किलोमीटर तक कम किया जाएगा, जिससे यात्रा का समय सामयिक उच्च आवृत्ति के दौरान 1 घंटे 40 मिनट से घटकर केवल 20 मिनट रह जाएगा। यह निश्चित तौर पर यात्रियों के लिए एक बड़ा राहत संदेश है।

इस सड़क की स्वीकृति और निर्माण न केवल पंजाब में बल्कि जम्मू-कश्मीर के लिए भी विकास की नई राह खोलने का कार्य करेगा। यह योजना क्षेत्र में यातायात की समस्या को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और इससे यात्रा की सुगमता में इजाफा होगा। नागरिकों की सुविधा और समय की बचत के साथ-साथ, यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

कुल मिलाकर, पठानकोट लिंक रोड परियोजना के साथ कई सकारात्मक बदलाव आने वाले हैं। स्थानीय लोगों को मिले फायदों का अनुभव होगा, और यह सड़क विभिन्न कनेक्टिविटी के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। सरकार की इस पहल से क्षेत्र में रोजगार अवसर और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि की संभावना भी बढ़ेगी।