शासकीय सेवक पद व प्रतिष्ठा का उपयोग समाज की भलाई के लिए करें: मेहता
– सुशासन सप्ताह के तहत सेवानिवृत्त आईएएस मेहता के मुख्य आतिथ्य में कलेक्ट्रेट में कार्यशाला आयोजित
ग्वालियर, 23 दिसंबर (हि.स.)। शासकीय सेवकों के पास पद व प्रतिष्ठा के साथ सेवा करने के अवसर होते हैं। शासकीय सेवकों को माता-पिता व गुरुजन के आशीर्वाद से पद, प्रतिष्ठा व प्रिवलेज क्लास में स्थान मिलता है। इसलिए शासकीय सेवकों का दायित्व है कि उन्हें जीवन में सेवा करने का जो मौका मिला है, उसका उपयोग समाज की भलाई के लिए करें। ऐसा करके हम सही मायने में सुशासन की अवधारणा को मूर्तरूप दे सकते हैं।
उक्त विचार भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी प्रशांत मेहता ने व्यक्त किए। मेहता सोमवार को ग्वालियर कलेक्ट्रेट में सुशासन सप्ताह के तहत आयोजित हुई कार्यशाला में मौजूद प्रशासनिक एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल जी की सुशासन से ओतप्रोत कार्यशैली से संबंधित संस्मरण भी सुनाए।
इस अवसर पर कलेक्टर रुचिका चौहान, जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार, नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव, अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार, कुमार सत्यम व श्री टी एन सिंह सहित जिला प्रशासन एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। सुशासन सप्ताह के तहत आयोजित हुए। जिले में हुए नवाचारों का प्रस्तुतिकरण भी इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा किया गया। साथ ही विभागीय अधिकारियों ने सुशासन को लेकर अपने विचार रखे।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य सचिव मेहता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर देश भर में 19 से 24 दिसम्बर तक सुशासन सप्ताह मनाया जा रहा है। शासकीय सेवक उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा लेकर सही मायने में समाज का भला कर सकते हैं। मेहता ने अपने सेवाकाल में सुशासन के लिये अपनाई गई कार्यशैली साझा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सुशासन के लिये जरूरी है कि अपने मन में सदैव यह भाव रखें कि जो भी व्यक्ति काम के सिलसिले में मिलने आयेगा, काम हुए बिना उसे जाने नहीं देंगे। इसी तरह जो भी फोन पर संपर्क करने की कोशिश करें या तो उससे उसी समय बात करें या बाद में रिटर्न कॉल कर उसकी बात अवश्य सुनें। कार्यालय में जितने भी पत्र आएं उन सबका जवाब जरूर दें।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि अनुभव से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इसलिए इन अनुभवों का इस्तेमाल लोगों की समस्याओं के निराकरण में अवश्य करें। उन्होंने अधिकारियों से अपने अनुभवों के आधार पर सेवाओं को प्रभावी बनाने का आह्वान किया। जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ने अच्छा काम करने वाले शासकीय सेवकों को प्रोत्साहन राशि और सुविधाओं के बाबजूद काम न करने वालों को अनिवार्यत: दण्ड देने का सुझाव दिया।
अपर कलेक्टर टी एन सिंह ने शासकीय कामकाज में डिजिटाइजेशन के उपयोग के साथ एवं मैदान पर जाकर काम करने की क्रियाविधि में समन्वय बनाने पर बल दिया। कार्यशाला में संयुक्त कलेक्टर संजीव जैन व एसडीएम घाटीगाँव राजीव समाधिया ने भी उपयोगी सुझाव दिए।
इन नवाचारों का दिया प्रजेंटेशन
सुशासन पर आयोजित हुई कार्यशाला में जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी अनुपम शर्मा ने जिला पंचायत द्वारा “पात्रता एप” के रूप में किए गए नवाचार पर प्रकाश डाला। इस मोबाइल एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति योजनाओं की पात्रता के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकता है। साथ ही विभाग को भी पता चल जाता है कि किस व्यक्ति को किस योजना की पात्रता है। इससे उस व्यक्ति को लाभान्वित कराने में मदद मिलती है। नगर निगम की सेवाओं की आम जन तक आसान पहुँच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तैयार किए गए “सेवा मित्र एप” की जानकारी दी गई। इसी तरह प्रभारी संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय नरेशचंद गुप्ता ने जिले में दिव्यांगजन सामूहिक विवाह के लिये वे नवाचार की जानकारी दी।