गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (GNDUTA) ने वर्ष 2024-25 के चुनावों के लिए अपनी प्रत्याशियों की सूची और चुनाव की तिथियों का ऐलान कर दिया है। इस बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ फाइनेंशियल स्टडीज के प्रोफेसर डॉ. बलविंदर सिंह और यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल के डॉ. विक्रम संधू के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। इन पदों के लिए आम चुनाव के सन्दर्भ में अशांति का माहौल नहीं है, क्योंकि उपाध्यक्ष, सचिव, सह-सचिव और कोषाध्यक्ष पदों पर निर्विरोध निर्वाचन कर दिया गया है। उपाध्यक्ष पद के लिए रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. तेजवंत सिंह, सचिव पद के लिए होटल प्रबंधन एवं पर्यटन विभाग के डॉ. हरप्रीत सिंह, जॉइंट सेक्रेटरी के लिए संस्कृत विभाग के डॉ. विशाल भारद्वाज और कोषाध्यक्ष के रूप में यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल की डॉ. जसवीन का चयन किया गया है। इसके अलावा, जीएनडीयू कॉलेज के डॉ. गुरचरणजीत सिंह कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए हैं।
चार दिसंबर 2024 को अमृतसर स्थित गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में प्रोफेसर भौतिकी विभाग के डॉ. अतुल खन्ना को रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया है। चुनावी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए राजनीतिक विज्ञान विभाग के डॉ. संताम सिंह को जालंधर, रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. प्रभप्रीत सिंह को गुरदासपुर और इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी विभाग के डॉ. रविंदर कुमार को मुम्कदपुर के ASSM कॉलेज में चुनाव के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है।
चुनाव के दिन, विभिन्न कॉलेजों से शिक्षक अमृतसर के मुख्य कैंपस में मतदान के लिए पहुंचेंगे। विशेष रूप से, सठियाला, वेरका, चूंग और पट्टी के एसजीटीबी कॉलेज के समेत कई अन्य संबंद्धित कॉलेजों के मतदाता यहां अपना वोट डालने आएंगे। वहीं, सुजनपुर, कलानौर, पठानकोट, नियारी और नरोते जैमल सिंह के कॉलेज के मतदाता गुरदासपुर कैंपस में मतदान करेंगे। इसके अतिरिक्त, मिधरा, जालंधर और नकोदर के शिक्षकों को जालंधर रीजनल कैंपस लधेवाली में मतदान करने का अवसर मिलेगा।
इस चुनाव की प्रक्रिया GNDUTA के सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो न केवल संस्थान के विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि शिक्षकों की एकता और सहयोग को भी दर्शाता है। सभी संगठनों के शिक्षकों को अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी ताकि वे अपने प्रतिनिधियों को सुगमता से चुन सकें और उनके अधिकार एवं आवश्यकताओं की रक्षा कर सकें। यह चुनाव आगामी वर्षों में यूनिवर्सिटी कालेज के अध्यापकों की साथी भूमिका को प्रकट करेगा और उनकी समस्याओं तथा आवश्यकताओं के लिए एक आवाज कायम करेगा।