फाजिल्का जिले में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और ट्रैफिक नियमों के पालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यहां के हाईवे पर ट्रैफिक पुलिस ने स्थायी स्पीडोमीटर स्थापित किया है, जिसका मकसद ओवर स्पीडिंग पर अंकुश लगाना है। इसके जरिए अगर कोई वाहन चालक गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक चला तो उनका चालान ऑनलाइन तरीके से काटा जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस अब वाहन चालकों को नियमों के पालन के लिए सचेत और जिम्मेदार बनाने का प्रयास कर रही है।
हाल ही में फाजिल्का-अबोहर रोड पर एक नाकाबंदी के दौरान एक घंटे में 19 ओवर स्पीडिंग करने वाले वाहन चालकों के चालान काटे गए। इस नाकाबंदी का आयोजन फाजिल्का सिटी थाना के एसएचओ लेखराज की देखरेख में किया गया। उन्होंने बताया कि आत्मवल्लभ स्कूल के निकट ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर कड़ा नियंत्रण स्थापित किया। इस अभियान का उद्देश्य स्थानीय लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना और सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करना है।
नाकाबंदी के दौरान, जब स्पीडोमीटर पर निगरानी की गई, तो कई वाहन चालक निर्धारित गति सीमा का उल्लंघन करते पाए गए। यह स्पष्ट है कि फाजिल्का- अबोहर रोड पर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड लिमिट को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। लेखराज ने बताया कि नियमों के पालन के लिए सभी वाहन चालकों को ईमानदारी से कार्य करना चाहिए, ताकि सड़क पर सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। यदि कोई भी चालक नियमों का उल्लंघन करेगा, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस नई पहल के माध्यम से, ट्रैफिक पुलिस ने आम जनता से विनम्र अपील की है कि वे सड़क पर चलने के दौरान ट्रैफिक नियमों का पालन करें। इससे न केवल उनके अपने जीवन की सुरक्षा होगी, बल्कि दूसरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। फाजिल्का में इस प्रकार की कड़ी कार्रवाई से ये स्पष्ट होता है कि अब ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर गंभीरता से ध्यान दे रही है और किसी भी प्रकार की लापरवाही या लापरवाही करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस तरह के प्रयास न केवल सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करेंगे, बल्कि ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों की जागरूकता को भी बढ़ाएंगे। फाजिल्का के жителей से अपेक्षित है कि वे इस दिशा में कदम बढ़ाएं और सुरक्षित और जिम्मेदार तरीके से गाड़ी चलाकर ट्रैफिक पुलिस के इस प्रयास में सहयोग करें। इस प्रकार का जागरूकता कार्यक्रम हर जगह होना चाहिए, ताकि पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।