फाजिल्का क्षेत्र में चल रहे किसान आंदोलन के सिलसिले में संयुक्त किसान मोर्चा की एक महत्वपूर्ण बैठक मार्केट कमेटी कार्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक में किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने एक मंच पर इकट्ठा होकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपने विरोध को और मजबूती प्रदान करने का निर्णय लिया। बैठक के दौरान, सभी मौजूद नेताओं ने आगामी दिनों में बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया, जिसके तहत सोमवार को फाजिल्का के जिला आयुक्त कार्यालय के बाहर व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
बैठक के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन कादियां पंजाब के सचिव बूटा सिंह बराड़ ने किसानों की एकता को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह बैठक सुखचैन सिंह, जो कि कीर्ति किसान यूनियन के जिला प्रधान हैं, की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मौजूद नेताओं ने स्पष्ट किया कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलनों के साथ मिलकर अब किसानों की मांगों को उठाने के लिए एक प्रभावी कदम उठाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर को फाजिल्का के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर एक विशाल रोष प्रदर्शन किया जाएगा, जो केंद्र सरकार के खिलाफ उनकी नाराजगी को दर्शाएगा।
किसान नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार कारपोरेट सेक्टर के हितों को प्राथमिकता दे रही है, जिसके कारण किसानों और युवाओं के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इस स्थिति में किसानों का कहना है कि वे अपनी खेती और जीविका को बचाने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि धक्केशाही के खिलाफ उनका संघर्ष न थमने वाला है और यह हर दिन और बढ़ता जाएगा।
किसान आंदोलन की इस नई लहर को देखते हुए यह स्पष्ट है कि किसान संगठनों के बीच एकजुटता और उनकी मजबूत रणनीति केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाने में अहम भूमिका निभाने जा रही है। हाल के दिनों में किसानों ने अपनी आवाज को उठाने के लिए कई प्रकार के आयोजन किए हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि वे अपनी मांगों के प्रति गंभीर हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार किस प्रकार की कार्रवाई करती है और क्या किसानों की समस्याओं का समाधान संभव हो पाता है।
इस प्रकार, फाजिल्का के किसान आंदोलनों की गतिविधियाँ इस बात का संकेत हैं कि किसान वर्ग अपने अधिकारों के लिए सजग है और किसी भी प्रकार की अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेगा। इस आंदोलन का अगला चरण 23 दिसंबर को होने वाले प्रदर्शन में और स्पष्ट होगा, जब किसान एक बार फिर अपनी एकता और शक्ति को प्रदर्शित करेंगे।