फरीदकोट जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। सोमवार की रात, फरीदकोट रेंज के डीआईजी अश्विनी कपूर और एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन ने जिले के विभिन्न पुलिस नाकों, पेट्रोलिंग टीमों, थानों और चौकियों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान, उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए। डीआईजी अश्विनी कपूर ने स्पष्ट किया कि इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जिले में अपराध पर नियंत्रण बनाए रखना, अवैध गतिविधियों को रोकना, और आम नागरिकों में सुरक्षा का भाव जगाना है।
इसी संदर्भ में, उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की सख्ती से पालन सुनिश्चित करने और असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए यह कदम अत्यंत जरूरी है। SSP डॉ. प्रज्ञा जैन ने पुलिस अधिकारियों को नाकों पर पूरी तरह से सतर्क रहने और हर आने-जाने वाले वाहन की गहन जांच करने की हिदायत दी। उनका मानना है कि इस तरह की कार्रवाई न केवल अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाएगी, बल्कि इससे आपराधिक तत्वों पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित होगा।
डॉ. प्रज्ञा जैन ने यह भी कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के साथ-साथ यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जनता को निरीक्षण के दौरान कम से कम असुविधा हो और उन्हें बेहतर सेवा प्रदान की जाए। साथ ही, संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की जांच के लिए गश्ती दलों को आवश्यक निर्देश देते हुए उन्होंने पुलिस तंत्र को और भी सक्रिय बनाने की बात कही।
फरीदकोट पुलिस की इस पहल से स्थानीय निवासियों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। विस्तृत सुरक्षा उपायों से न केवल अपराध दर में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है, बल्कि लोगों के बीच सुरक्षा की भावना भी मजबूत होगी। पुलिस के इस संकल्प से यह संकेत मिल रहा है कि प्रशासन कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर है और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
इस तरह की सख्त कार्रवाई और रणनीतिक कदम उठाने से यह स्पष्ट है कि फरीदकोट जिले में पुलिस प्रशासन अपने कर्तव्यों को निभाने के प्रति समर्पित है। नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने और अपराध नियंत्रण में सहायता करने के लिए पुलिस के प्रयास संजीवनी सिद्ध हो सकते हैं। उनका यह कदम न केवल वर्तमान की सुरक्षा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए है, बल्कि भविष्य में संभावित खतरों से निपटने के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार कर रहा है।