किसानों द्वारा किए गए रेल रोको आंदोलन के तहत अमृतसर में कई रेल फाटकों पर किसानों ने धरना देकर अपना विरोध जताया है। आज अमृतसर के देवीदासपुरा, ब्यास, पंधेर कलां, कत्थू नंगल, रमदास, जहानगीर, झंडे और रेलवे स्टेशन पर किसानों की विभिन्न जत्थेबंदियां रेलवे ट्रैक पर बैठ गईं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का पंजाब दौरा केवल प्रेस में स्पेस खत्म करने के लिए है, लेकिन किसानों की एकता पहले से कहीं अधिक मजबूत है।
पंधेर ने आगे कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 22वें दिन में प्रवेश कर चुका है, लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने अब तक किसानों के साथ बातचीत नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसानों के मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। किसान नेता ने यह भी कहा कि कुछ मीडिया हाउसेज किसानों की दो यूनियनों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह केवल झूठी अफवाह है। सभी किसान एकजुट हैं और मिलकर इस लड़ाई को जारी रखेंगे।
उन्होंने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा, यह कहते हुए कि किसानों की आवाज संसद में न उठाकर उनकी समस्याओं को अनसुना किया जा रहा है। पंधेर ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी सवाल उठाया कि वे किसानों की भलाई के लिए क्या उपाय कर रहे हैं। यह सभी घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब किसानों ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष कमेटी के अध्यक्ष नवाब सिंह को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित किया है कि वे अब केवल केंद्र सरकार के साथ ही बातचीत करेंगे।
इस आंदोलन के दौरान शिरोमणि कमेटी की ओर से लंगर सेवा का आयोजन किया जा रहा है। जहां भी किसानों ने धरना शुरू किया है, वहां शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भोजन की व्यवस्था की गई है। सरवन सिंह पंधेर के अनुसार, इस समय सभी वर्गों का समर्थन उनके साथ है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि किसान आंदोलन को व्यापक रूप से सहयोग मिल रहा है।
किसानों का यह आंदोलन स्पष्ट संकेत है कि वे अपनी मांगों को लेकर गंभीर हैं और किसी भी दबाव में आने के लिए तैयार नहीं हैं। यह न केवल किसानों के लिए, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। सभी का समर्थन मिलने से यह आंदोलन और भी मजबूत होता जा रहा है और किसानों के हक में आवाज उठाना जरूरी हो गया है।