मुरादाबाद में 39 साल से बंद पड़े जैन मंदिर का जीर्णाेद्धार कराएगा जैन समाज, वर्ष 1985 में डर से पलायन कर गया था समाज
– डकैती और बदमाशों के आतंक से यहां से लोग कर गए थे पलायनमुरादाबाद, 24 दिसम्बर (हि.स.)। आखिरकार सुरक्षा के भराेसे के बाद उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद में 39 साल से बंद पड़े जैन मंदिर को भी अब खोल दिया गया है। जैन समाज के लोग अब इस मंदिर का जीर्णाेद्धार कराएंगे। इसकी साफ-सफाई की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान के पति ने ली है। वर्ष 1985 में डकैती और ताेड़फाेड़ के बाद यहां समुदायके लाेग यहां पलायन कर गए थे।
पाकबड़ा थाना के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार ने मंगलवार को बताया कि रतनपुर कलां गांव में बना जैन मंदिर 39 वर्षों से बंद पड़ा था। अब इसे खोला दिया गया है। क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज ने गांव के प्रधान पति को मंदिर परिसर की साफ-सफाई कराने को कहा है। उन्होंने बताया कि रतनपुर कलां स्थित जैन मंदिर का हाल जानने के लिए सोमवार को जैन समाज के कई लोग यहां आए थे। इन्हीं लोगों में रतनपुर कलां गांव में जन्मे महानगर निवासी प्रदीप जैन उनके भतीजे आशू जैन भी थे। पैतृक गांव और मंदिर की दशा को देखकर दोनों की आंखें की भर आईं थी। इसके बाद जैन समाज के लोग पुलिस चौकी पहुंचे और मंदिर को अपने स्वरूप में लाने के चौकी प्रभारी से बातचीत की।
पुलिस ने मंदिर के जीर्णाेद्धार में सहयोग और सुरक्षा का आश्वासन दिया।
पुलिस ने ग्राम प्रधान के पति नजाकत को मौके पर बुलाया और कहा कि मंदिर परिसर में साफ-सफाई कराएं। जैन समाज के लोग मंदिर का जीर्णाेद्धार कराएंगे, जिससे इस धार्मिक स्थान को पहले जैसा रूप दिया जा सके।
इस बारे में प्रदीप जैन बताते हैं कि इस गांव में वैश्य, सुनार और जैन परिवार अधिक रहते थे। वर्ष 1985 के दिसंबर माह में रतनपुर कलां में विवाद के बाद जैन, वैश्यों के घरों पर बदमाशों ने डकैती डाली थी। बदमाशों के आतंक के कारण गांव से जैन, वैश्य और सुनारों के करीब 50 से अधिक परिवार पलायन कर गए। यहां पर किसी के न रहने की वजह से मंदिर कूड़ों की ढेर में दब गया था। मंदिर अभी भी 39 साल पहले हुई आतंक की कहानी बयां कर रहा है। पूरा मंदिर टूटा पड़ा है और यहां पर लोग कूड़ा कचरा भी फेंकते हैं।
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