वेतन के लिए लड़ रहे रेलवे कर्मी को राहत, कैट फैसले के खिलाफ भारत संघ की याचिका खारिज
-श्रम अदालत व कैट ने कर्मी को मैटीरियल क्लर्क पद का वेतन देने का दिया था आदेश
प्रयागराज, 21 नवम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के कर्मचारी मलिक हाफिज उद्दीन की 13 जनवरी 1981 मे मैटीरियल क्लर्क पद पर प्रोन्नति मामले में बड़ी राहत दी है।
श्रम अदालत ने रेलवे कर्मी की 1981 से प्रोन्नति मानते हुए वेतन भुगतान करने का अवार्ड दिया था। जिसे केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण प्रयागराज ने भी सही माना। किंतु भारत सरकार व रेलवे ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने श्रम अदालत के निष्कर्ष को सही करार देते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और भारत संघ की याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने भारत संघ व अन्य की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया है।
मालूम हो कि मलिक हाफिज उद्दीन 1967 मे रेलवे में खलासी नियुक्त हुए और डिविजनल सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर प्रयागराज ने 13 जनवरी 1981 को उसे मैटीरियल क्लर्क पद पर पदोन्नति दी, किंतु वेतन नहीं दिया गया। रेलवे की तरफ से कहा गया कि यह प्रोन्नति नियमानुसार नहीं थी। बिना टेस्ट के पदोन्नति दी गई थी। वास्तव में उसे 23 अगस्त 91 को टेस्ट लेकर प्रोन्नति दी गई है।
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