भगवान मद्महेश्वर की डोली दूसरे रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंची
– मद्महेश्वर की डाेली 23 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी
रुद्रप्रयाग, 21 नवंबर (हि.स.)। पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंच गई। यहां से शुक्रवार को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी और 23 नवंबर को अपनी शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंच जाएगी। इसके बाद 24 नवंबर से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में विधिवत शुरू होगी।
गुरुवार को ब्रह्म बेला पर मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग ने गौंडार गांव में पंचाग पूजन के तहत भगवान मदमहेश्वर सहित सभी देवी-देवताओं का आहवान कर आरती उतारी और निर्धारित समय पर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से राकेश्वरी मन्दिर रांसी के लिए रवाना हुई थी। अब शुक्रवार को डोली यहां से रवाना
हाेकर उनियाणा, राऊंलैक, बुरूवा, मनसूना यात्रा पड़ावों पर आशीर्वाद देते हुई शाम तक अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी। डोली के राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचने पर हरिद्वार निवासी नरेश डंगवाल व अजय शुक्ला ने विशाल भण्डारे का आयोजन किया।
ओंकारेश्वर मंदिर प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि ग्रीष्मकाल के छह माह की अवधि में मद्महेश्वर धाम में 14,965 पुरुषों, 3,890 महिलाओं, 578 नौनिहालों, 99 साधु-संन्यासियों व 45 विदेशी सैलानियों सहित 19 हजार 577 भक्तों ने पहुंचकर पुण्य अर्जित किया।
मंदिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण ने बताया कि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ में स्वागत के ओंकारेश्वर मन्दिर को विभिन्न प्रजाति के आठ कुन्तल फूलों से सजाया गया है। वहीं राइंका खेल मैदान पर होने वाले त्रिदिवसीय मद्महेश्वर मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। मेला अध्यक्ष राजीव भटट् ने बताया कि क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ त्रिदिवसीय मद्महेश्वर मेले का आगाज होगा।
इस मौके पर दिवारा यात्रा प्रभारी रमेश नेगी, डोली प्रभारी दीपक पंवार, प्रधान बीर सिंह पंवार, मुकुन्दी सिंह पंवार, बिक्रम सिंह रावत, प्रमोद कैशिव, जगत सिंह पंवार, मदन सिंह पंवार, पूर्ण सिंह पंवार सहित गौंडार, रासी व उनियाणा के हक-हकूकधारी, जनप्रतिनिधि,मन्दिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी व सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।