पंजाब सरकार के परिवहन विभाग ने वित्तीय अनुशासन के लिए एक प्रभावी कदम उठाया है, जिसमें 7.85 करोड़ रुपये की बकाया राशि वसूलने के लिए डीलरों की यूजर आईडी को ब्लॉक कर दिया गया है। यह जानकारी राज्य के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने साझा की है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई विभाग द्वारा चलाया जा रहा ऑडिट कार्यक्रम के दौरान हुई, जिसके तहत डीलरों के द्वारा समय पर बकाया राशि न चुकाए जाने की समस्या सामने आई।
भुल्लर ने स्पष्ट किया कि डीलरों को कई बार चेतावनी देने के बावजूद, उन्होंने अपने बकाया टैक्स का भुगतान नहीं किया। अब तक 17 करोड़ रुपये की राशि वसूल की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कुछ डीलरों की ओर से अनसुनी की गई। इस मामले में कदम उठाते हुए, परिवहन विभाग ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लिया। पहले चरण में, डिफॉल्टर्स की यूजर आईडी को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है ताकि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास हो सके।
यह नयी कार्रवाई पहले किए गए उपायों का ही सहयोग है, जब पिछले वर्ष भी ऐसे डिफॉल्टर डीलर्स के खिलाफ नोटिस जारी किए गए थे। पिछले वर्ष कार्यवाही के दौरान कुछ डीलरों को निलंबित भी किया गया था। हाल के वर्ष 2023 में भी उन्हें दस्तावेज संलग्न कर बकाया राशि जमा करने के लिए कहा गया था, लेकिन अधिकांश डीलर्स ने अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज कर दिया।
पंजाब सरकार की इस पहल के पीछे मुख्य उद्देश्य विभाग के वित्तीय दायित्वों को पूरा करना और टैक्स वसूली की प्रक्रिया को सुचारू बनाना है। 27 नवंबर को लोक लेखा समिति की बैठक के दौरान विभाग के कमिश्नर जसप्रीत सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि साल 2023-24 तक सभी बकाया करों की वसूली को सुनिश्चित करें और एक महीने के भीतर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) और आरटीए के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रकार, परिवहन विभाग ने अपने संसाधनों को सही दिशा में लगाने और व्यवस्था को बनाए रखने का प्रयास किया है। यह कदम न केवल वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देने हेतु है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी डीलर्स अपनी जिम्मेदारियों का सही से निर्वहन करें। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और पूरे सिस्टम में पारदर्शिता का माहौल बनेगा।