घोटाला मामले में गिरफ्तार पंजाब के पूर्व मंत्री ने जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली!

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पंजाब में हाल ही में हुए टेंडर घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु ने जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया है। भारत भूषण आशु, जो वर्तमान में जेल में बंद हैं, ने अपनी जमानत याचिका दायर की है। उल्लेखनीय है कि उन्हें अगस्त महीने में जालंधर में निर्भीकता से ईडी के कार्यालय में पेश होने के दौरान गिरफ्तार किया गया था। तभी से वे न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने इस मामले की गहनता से जांच की थी, जिसके अंतर्गत कई स्थानों से संपत्तियों को भी जब्त किया गया है।

इस घोटाले के संदर्भ में आरोप है कि पूर्व मंत्री आशु ने कुछ चयनित ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए मिलकर अनाज ढुलाई टेंडर में धोखाधड़ी की। यह मामला तब उजागर हुआ जब वर्ष 2022 में कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों और ठेकेदारों ने शिकायत दी थी, जिससे विजिलेंस ने इन सब पर कार्रवाई शुरू की। विजिलेंस ने शुरू में ठेकेदार तेलू राम के विरुद्ध मामला दर्ज किया, जिसके बाद पूर्व मंत्री आशु का नाम भी इस केस में शामिल किया गया। उन्हें 22 अगस्त 2022 को लुधियाना में एक सैलून से गिरफ्तार किया गया था, जहां वे बाल कटवा रहे थे।

जांच के दौरान यह भी पता चला कि अनाज मंडियों में परिवहन के लिए वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई थीं। आरोप है कि अनाज ढुलाई के लिए आवश्यक दस्तावेजों में भी हेरफेर की गई थी, जिससे गलत नंबर दर्शाए गए थे। दरअसल, यह नंबर स्कूटर और बाईक के थे, जिन्हें अनाज ढुलाई के लिए मान्य नहीं माना जा सकता। इस धोखाधड़ी की वजह से ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया है।

इसके अलावा, जांच के दौरान विभिन्न स्थानों की संपत्तियों को भी जब्त किया गया, जिसमें लुधियाना, मोहाली, और खन्ना जैसे क्षेत्रों में स्थित अचल संपत्तियाँ शामिल हैं। इसके अलावा, सोने के आभूषण, बैंक खातों, और कई अन्य चल सम्पत्तियाँ भी इस सूची में शामिल हैं। इस स्थिति के चलते भारत भूषण आशु को अब जमानत की उम्मीद है और उनके अधिवक्ता इस मामले में न्यायालय में अपनी दलीलें पेश करेंगे।

भारत भूषण आशु के खिलाफ लगे आरोपों ने पूरा राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। कांग्रेस पार्टी में उनकी स्थिति पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, और उनके द्वारा उठाए गए कदमों की कड़ी निगरानी की जा रही है। यह मामला न केवल पंजाब की राजनीति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि एक बार फिर से मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मुद्दे को चर्चा में लाने का कार्य कर रहा है।