पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने शुक्रवार को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा हलवारा एयरपोर्ट पर चल रहे कार्यों में तेजी लाने की अपील की। संजीव अरोड़ा ने रक्षा मंत्री को बताया कि वे हलवारा एयरपोर्ट पर हवाई पट्टी के रिलेइंग कार्य की प्रगति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उनके अनुसार, यह परियोजना भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित की जा रही है और इसकी प्रगति को सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।
सांसद संजीव अरोड़ा ने बताया कि वे लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर, एयरपोर्ट डायरेक्टर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के प्रतिनिधियों, और वायु सेना के अधिकारियों के साथ नियमित रूप से साइट का दौरा कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस सहयोग से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सभी संबंधित कार्य समय पर और सही तरीके से संपन्न हों। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हलवारा एयरपोर्ट के सिविल हिस्से का 100 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, और अब केवल भारतीय वायुसेना की ओर से कुछ लंबित कार्य पूर्ण करने की आवश्यकता है।
सांसद अरोड़ा ने रक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि वे भारतीय वायुसेना के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दें। उनका मानना है कि इस कदम से हलवारा एयरपोर्ट पर सिविल संचालन शीघ्र शुरू हो सकेगा, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस संबंध में रक्षा मंत्री ने सांसद संजीव अरोड़ा को तत्काल कार्यवाही का आश्वासन दिया है और संबंधित अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के लिए निर्देशित किया है।
हलवारा एयरपोर्ट के विकास पर चर्चा करते हुए, सांसद अरोड़ा ने बताया कि इस एयरपोर्ट में एक समय में 300 यात्रियों को समायोजित करने की क्षमता होगी। यह एयरपोर्ट 161.28 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है और यहां का टर्मिनल क्षेत्र 2,000 वर्ग मीटर में फैला होगा। उन्होंने कहा कि सिविल टर्मिनल की कुल लागत लगभग 70 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि की लागत शामिल नहीं है। इस विकास के अंतर्गत, हलवारा एयरपोर्ट केवल एक हवाई अड्डा नहीं होगा, बल्कि यह क्षेत्र के लोगों के लिए यातायात और आर्थिक अवसरों का द्वार खोलेगा।
संजीव अरोड़ा की इस पहल से न केवल हलवारा एयरपोर्ट के विकास में तेजी आएगी, बल्कि यह पंजाब के लोगों के लिए भी बड़ी राहत साबित होगी। लोगों का मानना है कि इससे यात्रा की सुविधा में वृद्धि होगी और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। अंततः, यह परियोजना पंजाब के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।