पीएचईडी मंत्री ने कार्यों को गुणवत्ता और समय पर पूरा करने के दिए निर्देश

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पीएचईडी मंत्री ने कार्यों को गुणवत्ता और समय पर पूरा करने के दिए निर्देश

भीलवाड़ा, 21 नवंबर (हि.स.)। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) मंत्री कन्हैयालाल चाैधरी ने गुरुवार को भीलवाड़ा सर्किट हाउस में विभागीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में जल जीवन मिशन, अमृत-2 योजना, और अन्य विभागीय परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई।

मंत्री कन्हैयालाल ने कहा कि राज्य सरकार का प्राथमिक उद्देश्य जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना और पानी से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखें। मंत्री ने जोर देकर कहा कि हर घर तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने के लिए विभाग को नई तकनीकों और आधुनिक साधनों का उपयोग करना चाहिए।

बैठक में उपस्थित पीएचईडी के अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। मंत्री ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत तय किए गए लक्ष्यों को शीघ्र प्राप्त करने के लिए प्रभावी रणनीति अपनाने और कार्यों में पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मंत्री कन्हैयालाल ने कहा कि, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का उद्देश्य केवल पानी उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि जल में स्वच्छता और स्वास्थ्य सुधार को भी प्राथमिकता देना है। विभाग को जनता के जीवन स्तर को सुधारने के लिए पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी से काम करना होगा।

मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल योजना का लक्ष्य जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। अमृत-2 योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में पेयजल और स्वच्छता सेवाओं में सुधार पर भी जोर दिया गया। उन्होंने अधिकारियों को इन परियोजनाओं को समय सीमा में पूरा करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने का सुझाव दिया।

बैठक में सांसद दामोदर अग्रवाल, मांडल विधायक उदयलाल भड़ाना, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा, और सदस्यता अभियान संयोजक अविनाश जीनगर भी मौजूद रहे। जनप्रतिनिधियों ने विभागीय योजनाओं की प्रगति पर अपने विचार साझा किए और स्थानीय समस्याओं को समाधान के लिए उठाया।

समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को कार्य गुणवत्ता, निगरानी प्रणाली, और समस्या समाधान में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। यह बैठक राज्य में पेयजल व्यवस्था को और बेहतर बनाने के प्रयासों को गति देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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