भाजपा युवा मोर्चा ने सुक्खू सरकार के खिलाफ निकाला समोसा जुलूस
शिमला, 9 नवंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश की सियासत में इन दिनों समोसा छाया हुआ है। सीआईडी विभाग ने मुख्यमंत्री के लिए मंगवाए गए समोसे को सुरक्षा कर्मियों द्वारा खाने पर जांच बिठाई। जांच रिपोर्ट लीक होने के बाद विपक्षी दल भाजपा इस मुद्दे पर लगातार सरकार की घेराबंदी कर रहा है। भाजपा का कहना है कि समोसे की जांच प्रकरण को लेकर प्रदेश की पूरे देश में किरकिरी हो रही है।
इसी बीच भाजपा के युवा विंग भाजपा युवा मोर्चा ने शनिवार को शिमला में शेरे पंजाब से लेकर लोअर बाजार तक समोसा जलूस निकाल दिया। इस जुलूस में युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने हाथों और प्लेटों पर समोसे रख इस प्रकरण की कड़ी निंदा की। इस मार्च का आयोजन भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तिलक राज की अध्यक्षता में किया गया, इस उपलक्ष्य पर युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी भी की।
युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तिलक राज ने कहा कि इस भ्रष्ट सरकार की बुद्धि भी भ्रष्ट हो चुकी है। जहां प्रदेश की जनता परेशान है, युवा नौकरियों के इंतेज़ार में है, बेरोजगारी बढ़ रही है, युवाओं की सरकार के प्रति आस कम हो रही है वहीं इस कांग्रेस सरकार को मुख्यमंत्री के समोसे गायब होने की चिंता सता रही है। ऐसी क्या नौबत आ गई कि मुख्यमंत्री के समोसे गायब होने पर सरकार को सीआईडी जांच बैठानी पढ़ गई ? क्या समोसे के साथ साथ सरकार की कोई कीमती चीज तो नहीं गायब हो गई ?
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का पूरे देश में मजाक बन कर रह गया है और यह केवल कांग्रेस की सुख की सरकार के कारण हो रहा है, प्रदेश में कभी टॉयलेट टैक्स लगा दिया जाता है और कभी समोसे की जांच बिठा दी जाती है, हिमाचल में आखिर चल क्या रहा है?
तिलक ने कहा कि हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन का दौर चल रहा है और शायद सरकार को ओर से यह ही व्यवस्था परिवर्तन है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत खराब हो चुकी है पर सरकार को मुख्यमंत्री के समोसे की पड़ी है, प्रदेश में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से आ रहा नशा हिमाचल की नई पौध को बर्बाद कर रहा है। कई स्कूली बच्चे भी ड्रग्स ले रहे हैं। प्रदेश के 204 स्कूलों के साढ़े सात हजार छात्रों पर हुए सर्वे में 9.02 फीसदी किशोरों के इंजेक्शन से नशा लेने की बात सामने आई है। नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती 15 से 30 साल के 1,170 युवाओं में से करीब 35% चिट्टे की लत के शिकार हैं, पर सरकार को इस बात की चिंता नहीं है।
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