अबोहर में इस वर्ष दीवाली की रात को एक विशेष घटना घटी, जब आठ परिवारों में लक्ष्मी रूपी कन्याओं ने जन्म लिया। यह संयोग कुछ परिवारों के लिए एक अद्भुत खुशखबरी लेकर आया है। इस विशेष रात में कई परिवारों में पहली बार कन्या ने जन्म लिया, जिसे वे लक्ष्मी का आगमन मान रहे हैं और अपने आनंद का उत्सव मना रहे हैं। वीके अस्पताल, नागपाल नर्सिग होम और सिविल अस्पताल में क्रमशः कन्याओं के जन्म की घटनाएं हुईं।
सिविल अस्पताल में सबसे अधिक 5 कन्याओं का जन्म हुआ, जिसमें कई परिवारों ने अपनी पहली या तीसरी संतानों के रूप में कन्याओं का स्वागत किया। विशेष रूप से, सुनीता, जो कि मलकीत सिंह की पत्नी हैं और राजपुरा की निवासी हैं, के घर पर यह पहली बार कन्या का जन्म हुआ। इसी प्रकार, आरती और रमिंदर कुमार के घर में तीसरी संतान के रूप में कन्या का आगमन हुआ। जसविंदर कौर और बलविंदर सिंह के घर भी पहली कन्या का जन्म हुआ।
रोशनी, जो राजेश की पत्नी हैं और खुइयां सरवर के निवासी हैं, के घर पर भी कन्या ने जन्म लिया। उनके परिवार में पहले से एक लड़का और एक लड़की है, और अब वे तीसरी कन्या के आगमन पर अत्यंत खुशी अनुभव कर रहे हैं। यह विशेष संयोग परिवारों को दीवाली की रात में और भी अधिक खुशियां दे रहा है।
परिजनों का मानना है कि दीवाली का त्योहार लक्ष्मी की पूजा का समय होता है, और इनके घरों में कन्या का जन्म होना शुभ माना जा रहा है। नवजात कन्याओं और उनकी माताओं की सेहत को लेकर परिवार पूरी तरह से संतुष्ट हैं। परिवार के सदस्यों ने बताया कि सिविल अस्पताल में नार्मल डिलीवरी हुई और मां-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। इस बात पर सभी का कहना है कि इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है कि दीवाली के महत्व को एक नई परिभाषा मिली है।
इस प्रकार, अबोहर में दीवाली की रात आठ कन्याओं के जन्म ने न केवल परिवारों के लिए खुशी का स्रोत बना, बल्कि यह भी दर्शाया कि इस पावन अवसर पर नए जीवन का आगमन कितना शुभ होता है। सभी परिवार इस अनमोल उपहार को लेकर अपने घरों को खुशियों से भरने के लिए तत्पर हैं और दिवाली का त्योहार एक नई शुरुआत के रूप में मनाने का संकल्प कर रहे हैं।