अबोहर में सड़क हादसा: सांड से टकरा बुजुर्ग की मौत, सिर में धंसा सींग!

Share

अबोहर से श्रीगंगानगर जाने वाले मार्ग पर बुधवार शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ जिसमें एक व्यक्ति की जान गई। जानकारी के अनुसार, हादसे में एक आवारा सांड की टक्कर लगने से 60 वर्षीय राजिन्द्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें दिल्ली के बठिंडा में स्थित एम्स अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया, लेकिन आज सुबह उनकी मौत हो गई। शव को आगामी कार्रवाई के लिए दोपहर में अबोहर की मोर्चरी में लाया गया।

राजिन्द्र श्रीगंगानगर रोड पर रिद्धि सिद्धि कॉलोनी में निवास करते थे। बुधवार की शाम को वे अपनी बाइक पर सवार होकर घर से शहर की ओर आ रहे थे। जब वे स्टाफ कॉलोनी के निकट पहुंचे, तब एक तेज गति से भागता हुआ सांड अचानक सामने आ गया। दुर्घटना इतनी भयानक थी कि सांड का सींग राजिन्द्र के सिर में गड़ गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह दृश्य काफी भयावह था। वहीं, सिटी टू की पुलिस वहाँ से गुजर रही थी, उन्होंने तुरंत राजिन्द्र को सड़क पर घायल अवस्था में देखा और उसे अस्पताल पहुंचाने में मदद की।

हादसे की जानकारी मिलते ही राजिन्द्र का बेटा भी अस्पताल पहुंच गया। परिवार के अन्य सदस्यों के सहयोग से उसे बठिंडा के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी था, लेकिन दुर्भाग्यवश आज सुबह उनकी मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल राजिन्द्र के परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़े खतरे की घंटी है। जब सड़क पर आवारा पशुओं की मौजूदगी बढ़ती जा रही है, तो ऐसे हादसे भी बढ़ने की आशंका है।

इधर, नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर करतार सिंह के अनुसार, अभी तक 1150 आवारा पशुओं को सलेम शाह स्थित गौशाला में भेजा गया है। लेकिन अबोहर और फाजिल्का की गौशालाओं में पशुओं को रखने की क्षमता पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। इसके अलावा, सरकार ने आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नया बजट भी जारी नहीं किया है। ऐसे में आवारा पशुओं को नियंत्रित करने वाले अभियानों पर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। पिछले कई महीनों से इस प्रकार के अभियान बंद पड़े हैं, जिससे सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

यह घटना एक बार फिर से यह दर्शाती है कि सड़क पर आवारा पशुओं की समस्या कितनी गंभीर बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन और सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार के हादसों से बचा जा सके। वहीं, समाज के प्रत्येक नागरिक को भी इस मुद्दे के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है।