सरकार जनता के द्वार शिविर में डीएम ने सुनीं जनसमस्याएं

Share

“सरकार जनता के द्वार” शिविर में डीएम ने सुनीं जनसमस्याएं

देहरादून, 27 नवंबर (हि.स.)। पिथौरागढ़ जनपद में बुधवार को गंगोलीहाट के महाकाली राजकीय इंटर कॉलेज खेल मैदान पर “सरकार जनता के द्वार” कार्यक्रम के तहत एक बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 26 विभागों ने केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के लिए स्टॉल लगाए गए।

इस शिविर की अध्यक्षता गंगोलीहाट के विधायक फकीर राम टम्टा एवं जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने की। शिविर में 81 शिकायतें व समस्याएं सामने आई। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने शिकायतों को गंभीरता से सुनने के बाद संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने समाधान की जानकारी शिकायतकर्ताओं को फोन के माध्यम से देने की भी बात कही। जिलाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने “सुशासन पिथौरागढ़” पोर्टल बनाया है, जिसमें शिकायतों का नियमित रूप से रिव्यू कर निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिया कि कोविड काल के दौरान माता-पिता को खोने वाले बच्चों की सूची तैयार करें, ताकि उन्हें स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिया जा सके। शिविर में जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को ततैया और गुलदार के हमलों से बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। इस माैके पर विधायक फकीर राम टम्टा ने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए ग्रामीणों से सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। शिविर में राजस्व, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, कृषि, उद्यान, मत्स्य पालन, पशुपालन, उद्योग, श्रम, पर्यटन, आपदा प्रबंधन, वन विभाग सहित 26 विभागों ने अपने स्टॉल लगाए।शिविर में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी, पीडी आशीष पुनीता, भाजपा मंडल अध्यक्ष रमेश बोरा, विधायक प्रतिनिधि कृष्णा बोरा, अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दर्पण कुमार, जिला विकास अधिकारी राम गोस्वामी, उप जिलाधिकारी यशवीर सिंह, तहसीलदार राजेंद्र गिरी सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।दिव्यांगों की शिकायत पर डीम ने फटकाराशिविर में तीन दिव्यांग लाभार्थियों का प्रमाण पत्र न बनने की शिकायत सामने आने पर जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को फटकार लगाई और तत्काल गाड़ी की व्यवस्था कर दिव्यांगों को मुख्यालय भेजकर तीन दिन के भीतर प्रमाणपत्र बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उपजिलाधिकारी गंगोलीहाट को तीन दिन के भीतर इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा।