राजस्थान के पत्थर से वृन्दावन में आकार ले रहा चित्रगुप्त मन्दिर
-नेपाल से आएगी चित्रगुप्त व पशुपतिनाथ की प्रतिमा के लिए शिला
जोधपुर, 9 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान के पत्थर से अयोध्या में श्रीराम मन्दिर का निर्माण होने के बाद अब मथुरा जिले के वृन्दावन धाम में कायस्थ समाज के आराध्य भगवान चित्रगुप्त के मंदिर को आकार दिया जा रहा है। तीन तलीय इस मन्दिर के निर्माण में बंशी पहाड़पुर के पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। यह मन्दिर दीपावली तक भक्तों के लिए बनकर तैयार हो जाएगा।
वृन्दावन में बन रहे श्री चित्रगुप्त मन्दिर निर्माण में भरतपुर जिले के रूपवास क्षेत्र में स्थित बंशी पहाडपुर के लाल पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है। पहाड़पुर के पत्थर की खासियत है कि यह हजारों सालों तक खराब नहीं होता और न ही इसकी चमक पर कोई असर पड़ता है। श्री चित्रगुप्त पीठ वृन्दावन राजस्थान प्रान्त की प्रमुख रेणू श्रीवास्तव व मीडिया प्रभारी अरूण माथुर ने बताया कि राधा-कृष्ण की नगरी वृन्दावन में बनाए जा रहे श्री चित्रगुप्त मन्दिर निर्माण में राजस्थान के पत्थर का उपयोग इसलिए किया जा रहा है क्योंकि यह सालों तक खराब नहीं होता है और न ही इसकी चमक पर कोई असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि प्राचीन इमारतों से आधुनिक समय के मन्दिर व होटलों में इस पत्थर का उपयोग किया जाता रहा है। नक्काशी के मामले में भी इस पत्थर का कोई मुकाबला नहीं है। यह पत्थर बारिश के दिनों में दुगुनी चमक देता है। यही वजह है कि देश विदेश में इस पत्थर का मांग अधिक है। उन्होंने बताया कि यह पत्थर सबसे ज्यादा चर्चा में राम मन्दिर निर्माण के दौरान आया था। राम मन्दिर से ही अक्षरधाम मन्दिर, विधानसभा, संसद आदि के साथ साथ प्राचीन महल, मन्दिर व किलों में भी इसका प्रयोग किया गया है। इस पत्थर की मियाद पांच हजार साल से अधिक है। इसमें जितनी अधिक बारिश होती है उतनी चमक इस पत्थर पर आती है।
मन्दिर निर्माण में नहीं होगा स्टील का प्रयोग
श्री चित्रगुप्त पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर सच्चिदानन्द पशुपतिनाथ महाराज ने बताया कि विद्वानों व श्री चित्रगुप्त के भक्तों की अपार श्रद्धा को देखते हुए इस मन्दिर के निर्माण पर विशेष ध्यान रखा गया है। भव्य व दिव्य मन्दिर का जो निर्माण किया जा रहा है उसमें कहीं पर भी स्टील का उपयोग नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्रतिमा के लिए नेपाल से शिला आई उसी प्रकार से भगवान चित्रगुप्त व पशुपतिनाथ की प्रतिका के लिए नेपाल से शिला आएगी।